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Yashwant Sinha: राष्ट्रपति चुनाव में पराजित होने के बाद अब क्या होगा यशवंत सिन्हा का अगला कदम? खुद दिया ये जवाब

Yashwant Sinha

नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशंवत सिन्हा का राष्ट्रपति बनने का ख्वाब महज ख्वाब ही रह गया। हालांकि, द्रौपदी के विरोध में विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने के बाद ही, इस बात की पुष्टि सियासी पंडितों की ओर से की जा चुकी थी कि उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा। जिस तरह से सभी विपक्षी दलों ने मुर्मू के समर्थन में मतदान करने का ऐलान कर दिया था। यहां तक की चुनाव में कई विपक्षी दलों के नेताओं ने भी क्रॉस वोटिंग करते हुए मुर्मू का समर्थन करने से गुरेज नहीं किया था। इतना ही नहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा कड़ी कार्रवाई की बात कहने के बावजूद भी भारी संख्या में मुर्मू के समर्थन में मतदान किया गया था। जिससे यह साफ जाहिर होता है कि मुर्मू की स्वीकार्यता शुरू से ही सिन्हा से कहीं अधिक रही है। यही वो कारण है कि यशवंत सिन्हा को चुनाव में मुंह की खानी पड़ गई है, लेकिन अब सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है कि आखिर अब उनका अगला कदम क्या रहता है। राष्ट्रपति चुनाव में वे राजनीतिक जीवन में सक्रिय रहेंगे या कुछ और करेंगे। हालांकि, वे टीएमसी से रुखसत हो चुके हैं। अब ऐसे में उन्होंने अपने अगले कदम के बारे में बड़ी जानकारी दी है ।आइए, आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

दरअसल, यशवंत सिन्हा ने कहा कि वह अब राजनीतिक जीवन में सक्रिय नहीं रहेंगे। वे सार्वजनिक जीवन में ही रहकर ही जनता की सेवा करना चाहते हैं। वहीं, जब उनसे पूछा गया कि अब उनका अगला कदम क्या रहने वाला है, तो इस पर उन्होंने कहा कि वे किसी भी पार्टी में शामिल नहीं होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीएमसी उनसे किसी भी प्रकार का संपर्क नहीं किया है और ना ही उन्होंने किसी भी पार्टी से कोई संपर्क किया है। अब ऐसे में उनका अगला कदम क्या रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। उन्होंने कहा कि मैं अब 84 साल का हो चुका है, तो उम्र के इस पड़ाव पर आकर मेरी कोशिश रहेगी कि मैं जनता की सेवा में सक्रिय रहूं।

आपको बता दें कि उन्होंने 2018 में बीजेपी से रूखसत होने के बाद उपरांत टीएमसी का दामन थामा था। बीते दिनों दीर्घ चर्चा के उपरांत उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की तरफ से उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद अब उन्होंने अपने अगले कदम के बारे में विस्तार से बताया है। गौरतलब है कि द्रौपदी मुर्मू देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति बनी हैं। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि यह लोकतंत्र की ही ताकत है कि आज मैं शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंचने में कामयाब रही हूं।

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