News Room Post

Bihar: जब आपा खो बैठे नीतीश कुमार, भरी विधानसभा में जीतराम मांझी के साथ की बदतमीजी, कहा- मेरी मूर्खता की वजह से ही ये…!

cm nitish kumar 555

नई दिल्ली। लगता है, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश सारी भाषाई मर्यादाएं ही भूल चुके हैं। बीते मंगलवार को जहां उन्होंने भरी विधानसभा में सबके सामने सेक्स ज्ञान दे दिया था, जिससे विधानसभा में मौजूद ना महज महिला विधायक, बल्कि पुरुष विधायक भी असहज दिखे थे, तो वहीं आज उन्होंने फिर से वयोवृद्ध नेता के साथ तू-तड़ाक की भाषा का इस्तेमाल कर अपने भाषाई संस्कार पर सवालिया निशाना खड़े करवा लिए हैं। आखिर क्या है पूरा मजारा? जानने के लिए पढ़िए हमारी ये खास रिपोर्ट।

दरअसल, बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सीएम नीतीश कुमार आरक्षण बिल के पक्ष में अपना तर्क पेश कर रहे थे। इसके बाद उनके तर्कों के विरोध में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख व वरिष्ठ नेता जीतन राम मांझी बोलने के लिए खड़े हुए, तो सीएम नीतीश कुमार इस कदर तिलमिला गए कि उन्होंने विधानसभा के संस्कारों को ताक पर रखते हुए ना महज जीतनराम मांझी सरीखे वयोवृद्ध नेता के साथ तू-तड़ाक की भाषा का इस्तेमाल किया, बल्कि यह भी कहा कि मेरी अनुकंपा से ही यह मुख्यमंत्री बना था, लेकिन बाद में जब मुझे मेरे दल के लोगों ने कुछ गड़बड़ होने का एहसास दिलाया, तो मैंने इससे किनारा करना उचित समझा। मुझे लगा कि अब इससे किनारा करना उचित रहेगा, क्योंकि यह व्यक्ति सही नहीं है।

सीएम नीतीश ने कहा कि जीतनराम मांझी द्वारा दिए गए बयान का कोई सेंस ही नहीं है। यह बेकार का कुछ भी बोलता रहता है। बता दें कि सीएम नीतीश के इस बयान पर जीतनराम मांझी ने आपत्ति जताई, लेकिन अफसोस विधानसभा में मौजूद किसी भी शख्स ने उनकी बातों पर गौर नहीं फरमाया। यहां तक की विधानसभा अध्यक्ष ने भी नीतीश की बातों पर हामी भरते हुए कहा कि आप ही की विशेष अनुकंपा रही कि वो मुख्यमंत्री बन पाए।

वहीं, जीतनराम मांझी विधानसभा से बाहर आए, तो पत्रकारों ने उनसे नीतीश कुमार द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणी के बारे में सवाल किया, जिस पर उन्होंने कहा कि नीतीश जी अपना दिमागी संतुलन खो बैठे हुए हैं। वो कुछ अनाप-शनाप बोले जा रहे हैं, लेकिन मैं उनकी बातों पर ध्यान नहीं देता हूं। राजनीति में, मैं उनका सीनियर हूं। मैं 1985 में राजनीति में आया हूं और वो 1990 में राजनीति में आए होंगे।

बता दें कि मंगलवार को भी सीएम नीतीश ने महिलाओं के संदर्भ में बेहूदा बयान दे दिया था। उन्होंने भरी विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण पर बोलते हुए पूरी यौन क्रिया ही समझा दी थी, जिस पर कई विधायक असहज हो गए बाहर चले। उनके बयान की जमकर आलोचना की गई थी। यहां तक की राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी नीतीश के बयान की आलोनचा कर उनसे माफी की मांग की थी, जिसके बाद भरी विधानसभा में नीतीश ने अपने बयान को लेकर माफी मांगी थी, लेकिन आज एक बार फिर से उन्होंने अपने से सीनियर नेता के साथ जिस तरह का अशोभनीय व्यवहार किया है, उससे उनकी भाषाई संस्कार पर सवाल खड़े होते हैं।

Exit mobile version