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Covid-19: जब चरम पर थी कोरोना की दूसरी लहर, राहुल गांधी लोगों को डरा रहे थे, पैनिक बढ़ा रहे थे

Rahul Gandhi

नई दिल्ली। राहुल गांधी की पार्टी का संगठन बुरी तरह ध्वस्त हो चुका है। पार्टी लगातार हार रही है। टूट रही है। पार्टी में राहुल के लचर नेतृत्व के खिलाफ लगातार आवाज़ें उठ रही हैं। मगर राहुल गांधी का एक ही एजेंडा है, पीएम मोदी के लिए ज़हर उगलना। इस एजेंडे के पीछे सनक की हद तक पागल राहुल गांधी देशवासियों के जीवन को भी पैनिक और घबराहट में डाल चुके हैं। पीएम मोदी की वैक्सीन पॉलिसी पर राहुल गांधी ने इसी तरह लोगों को डराने और झूठ का चक्रव्यूह बनाने की कोशिश की मगर यहां भी वे पहले ही दरवाजे पर बेनकाब हो गए। राहुल गांधी ने कहा, “ये जो सेकेंड वेब है, ये प्रधानमंत्री की ज़िम्मेदारी है। प्रधानमंत्री ने जो नौटंकी की, अपनी ज़िम्मेदारी पूरी नहीं की, इसका कारण सेकेंड वेब है और मैं देश को अभी बता रहा हूं।”

पीएम पर हमला करने के साथ ही वे देश की जनता के हितों के भी दुश्मन बन गए। परेशानी से जूझ रही आम जनता को और भी डराने लगे। राहुल ने आगे कहा, “अगर वैक्सीनेशन इसी रेट पर चलता गया, मतलब आज के प्लान पर अगर आप चले तो मई 2024 में हिंदुस्तान की पूरी जनता का वैक्सीनेशन होगा। अगर इस रेट पर वैक्सीनेशन चलता गया तो तीसरी लहर आएगी, चौथी लहर आएगी, पांचवीं लहर आएगी।” यानि राहुल गांधी कोरोना की दूसरी वेब से लड़ रही देश की आम जनता के दर्द में भी अपनी राजनीति ढूंढ रहे थे। वे उसे डराने की हर संभव कोशिश कर रहे थे।

जब कोरोना की दूसरी लहर अपने पीक पर थी, उस समय राहुल गांधी लगातार इस तरह की डराने और हौसला तोड़ने वाली बातें कर रहे थे। जिस दौर में लोगों को टीकों की सबसे अधिक जरूरत थी, राहुल गांधी उन्हें भीतर से कमज़ोर करने और उनके बीच पैनिक फैलाने के अभियान में जुटे हुए थे। यहां भी प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व ने बाज़ी संभाली। पीएम ने लोगों को आश्वस्त किया। उन्हें ताकत दी। हिम्मत दी। उनसे कहा, “अफ़वाहें फैलाने वाले अफ़वाहें फैलाते रहेंगे। हमें तो जिंदगी बचानी है। अपने गांव वालों को बचाना है। अपने देशवासियों को बचाना है और ये अगर कोई कहता है कि कोरोना चला गया तो भ्रम में मत रहिए। ये बीमारी ऐसी है कि बहुरुपिए वाली है। ये भेष बदलती रहती है। नए नए रंग रुप धरकर पहुंच जाती है।”

पीएम ने आगे आम जनता को वैक्सीन के लिए भी जागरूक किया। उन्होंने कहा कि ऐसे में बचने के लिए हमारे पास दो रास्ते हैं। एक तो कोरोना के लिए जो प्रोटोकॉल बना है, मास्क पहनना। साबुन से बार बार हाथ धोना। दूरी बनाए रखना और दूसरा रास्ता है, इसके साथ साथ वैक्सीन का टीका लगवाना। ये भी एक अच्छा सुरक्षा कवच है। उसकी चिंता करिए। मोदी सरकार ऐसी खोखली आलोचनाओं की परवाह न करते हुए पूरी तत्परता के साथ अपने मिशन में जुटी हुई है। मोदी सरकार ने 31 दिसंबर तक देश के सभी व्यस्क लोगों को टीका लगाने का टारगेट रखा है। सरकार इस पर बेहद तेजी से कदम उठा रही है। राहुल गांधी की एक बड़ी चिंता का कारण मोदी सरकार की ये उपलब्धियां भी हैं।

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