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Rana Ayyub: UN ने फर्जीवाड़े की आरोपी राणा अयूब का किया समर्थन तो भड़के भारतीय, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने ऐसे दिया मुंहतोड़ जवाब

ks dhillon and Rana

नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच का सामना कर रही पत्रकार राणा अयूब के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र ने ट्वीट किया। जिसमें संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि उन पर भारत में ऑनलाइन का गलत इस्तेमाल करते हुए साप्रंदायिक हमले किए जा रहे हैं। जिसकी तुरंत जांच की जानी चाहिए और उनके खिलाफ न्यायिक उत्पीड़न को तुरंत खत्म किया जाना चाहिए। वहीं यूएन द्वारा राणा अयूब का समर्थन करने पर भारत ने भी पलटवार किया। भारत ने सख्त लहजे में जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के मिशन से कहा कि न्यायिक उत्पीड़न का तथाकथित आरोप पूरी तरह निराधार और अनुचित है। भारत कानून के शासन पर कायम रहता है। जिससे यह स्पष्ट है कि कानून से सर्वोपरि कोई भी नहीं है।

वहीं भारत के खिलाफ जहर उगलने वाली राणा अयूब का संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थन करने पर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों (Lt Gen KJS Dhillon) के निशाने पर आ गई। इसके अलावा पत्रकार अशोक श्रीवास्तव, सुशांत सिन्हा समेत कई भारतीय ने उनकी सोशल मीडिया पर जमकर खिंचाई कर दी। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने राणा अयूब को बड़े ही दिलचस्प अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने भारतीय खेल की आवाज माने जाने वाले प्रसिद्ध कमेंटेटर जसदेव सिंह की अंदाज में जवाब देते हुए लिखा, ”कदमों का अच्छा इस्तेमाल करते हुए गेंदबाज़ के सर के ऊपर से बहुत ही ताकतवर लप्पा … गेंद सीमा रेखा के पार.. और ये छक्का। जय हिन्द।

इसके अलावा पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने लिखा, ”ऐसे प्रोपेगैंडा पत्रकार के समर्थन में ट्वीट कर रहा है जिसने कोरोना में लोगों की मदद के नाम पर फ्राड करके अपनी जेब भरी,जिसने भारत में साम्प्रदायिक हिंसा फैलाने के लिए फेक न्यूज़ फैलाई! पर हैरान मत होईये ये वही संस्था है जिसने खालिस्तानियों से 10हज़ार डॉलर चंदा लिया था!”

सुशांत सिन्हा ने लिखा, ”ठगी का आरोप है, जांच चल रही है और UN तक से ट्वीट करवा दिया। बताइए, क्या गजब का इकोसिस्टम है इनलोगों का। पर यूएन वाले फूफा से ट्वीट कराने से नहीं चलेगा न मैडम। UN ने अपनी साख गिरा ली सो अलग।”

लेखक आनंद रंगनाथन का राणा अयूब को जवाब

जानिए क्या है पूरा माजरा

पत्रकार राणा अयूब पर आरोप है कि उन्होंने कोरोना मरीजों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की वित्तीय सहायता करने हेतु क्राउंड फंडिंग के जरिए कुल 2,69,44,680 रूपए जुटाई थी। लेकिन इस रकम का इस्तेमाल उन्होंने लोगों के हित में न करते हुए खुद के हित में किया।

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