नई दिल्ली। बांग्लादेश से पीएम शेख हसीना की विदाई हो चुकी है। इसके साथ ही एक और महिला नेता का नाम फिर चर्चा में आ गया है। बांग्लादेश की इस महिला नेता का नाम बेगम खालिदा जिया है। खालिदा जिया के बारे में चर्चा है कि वो बांग्लादेश की पीएम बन सकती हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि बेगम खालिदा जिया कौन हैं और अगर वो बांग्लादेश की पीएम बनती हैं, तो भारत के प्रति उनका रवैया कैसा रह सकता है?
बेगम खालिदा जिया को शेख हसीना के पीएम रहते भ्रष्टाचार के आरोप में ढाका जेल में कैद किया गया था। बेगम खालिदा जिया बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी यानी बीएनपी की सर्वेसर्वा हैं। शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़कर जाने के बाद बेगम खालिदा जिया को राष्ट्रपति ने जेल से मुक्त करने का आदेश दिया है। शेख हसीना के परिवार का भारत से पुराना कनेक्शन रहा है। वहीं, बेगम खालिदा जिया का भी है। बेगम खालिदा जिया का जन्म भारत के पश्चिम बंगाल राज्य की जलपाईगुड़ी में 15 अगस्त 1945 को हुआ था। उनकी शादी पाकिस्तान के सेना अधिकारी जियाउर रहमान से हुई। जियाउर रहमान भी 1977 से 1981 तक बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे थे। जियाउर रहमान के जीवित रहते ही 1978 में बेगम खालिदा जिया ने बीएनपी की स्थापना की।
बेगम खालिदा जिया को बांग्लादेश में काफी प्रसिद्धि मिली। नतीजे में 1991 में वो बांग्लादेश की पीएम बन गईं। बांग्लादेश की सत्ता संभालने वाली वो पहली महिला थीं। बेगम खालिदा जिया ने बांग्लादेश में एक बार फिर 2001 से 2006 तक पीएम का पद संभाला। जब उनका कार्यकाल खत्म हुआ, तब 2007 में होने वाले संसदीय चुनाव को हिंसा के कारण स्थगित कर दिया गया। इसके बाद बेगम खालिदा जिया को सत्ता से हटाकर बांग्लादेश की सेना ने कमान संभाली। बेगम खालिदा जिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा। शेख हसीना से उनकी सियासी अदावत हमेशा रही। इसकी वजह से बेगम खालिदा जिया को लंबे समय तक जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ा। बेगम खालिदा जिया अगर बांग्लादेश की पीएम बनती हैं, तो भारत के साथ उनके देश के रिश्ते तनाव भरे हो सकते हैं। इसकी वजह ये है कि खालिदा जिया की बीएनपी में कट्टरपंथी तत्व तो हैं ही। साथ ही भारत विरोधी कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी भी बेगम खालिदा जिया की सहयोगी है। बेगम खालिदा जिया की बीएनपी कई बार भारत में बनी चीजों के बहिष्कार का आह्वान भी कर चुकी है। खालिदा जिया जब बांग्लादेश की पीएम थी, तब भारत से उनके मुल्क के रिश्ते बहुत खराब रहे थे। जबकि, शेख हसीना को भारत का समर्थक माना जाता है।