शिलांग। मेघालय में पहली बार महिला आईपीएस को पुलिस की कमान दी गई है। वरिष्ठ आईपीएस अफसर इदाशिशा नोंगरांग को मेघालय का डीजीपी बनाया गया है। वो 19 मई को रिटायर हो रहे डीजीपी एलआर बिश्नोई की जगह लेंगी। इदाशिशा नोंगरांग अभी नागरिक सुरक्षा और होमगार्ड की डीजी हैं। वो मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स की एसपी भी रही हैं।
मेघालय के सीएम कोनराड संगमा की अध्यक्षता में मेघालय सुरक्षा आयोग ने इदाशिशा को राज्य के डीजीपी के तौर पर चुना। उनके अलावा यूपीएससी ने आरपी मीणा और दीपक कुमार का नाम भी डीजीपी के लिए प्रस्तावित किया था। दो अन्य आईपीएस अफसरों जीपी सिंह और हरमीत सिंह ने मेघालय का डीजीपी बनने के दौड़ से खुद को अलग कर लिया था। इदाशिशा नोंगरांग को डीजीपी चुने जाने पर सीएम कोनराड संगमा ने बधाई दी है। उन्होंने कहा कि बाधाओं को तोड़कर इदाशिशा ने इतिहास रचा और ये हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। इदाशिशा नोंगरांग 1992 बैच की आईपीएस हैं। वो मेघालय की खासी जनजाति से हैं। इदाशिशा ने पहले मेघालय के कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर भी सेवा दी है। उनके उस सेवाकाल की खूब सराहना हुई थी।
इदाशिशा नोंगरांग को कानून का कड़ाई से पालन कराने वाला और जनता के हित में काम करने वाले अफसर के तौर पर पहचाना जाता है। मेघालय के इतिहास में यूं तो तीन प्रमुख जनजातियों खासी, गारो और जयंतिया में से कई बड़े अफसर हुए हैं, लेकिन प्रदेश का डीजीपी बनने का सौभाग्य पहली बार एक आदिवासी महिला को मिली है। इदाशिशा नोंगरांग की नियुक्ति को चुनाव आयोग से भी मंजूरी मिली है। इसकी वजह ये है कि अभी लोकसभा के चुनाव चल रहे हैं और आदर्श आचार संहिता लगी हुई है। इस वजह से अहम नीतिगत फैसले बिना चुनाव आयोग की मंजूरी से नहीं किए जा सकते।