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Who Is Madhavi Lata: कौन हैं ओवैसी के खिलाफ ताल ठोकने वाली माधवी लता?, पीएम मोदी ने इस वजह से जमकर की तारीफ

PM Modi

नई दिल्ली। बीजेपी ने हैदराबाद लोकसभा सीट से माधवी लता को मैदान में उतारा है. वह इस सीट पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने ‘आप की अदालत’ के दरबार में इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों का बड़ी बेबाकी से जवाब दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर संतोष जताया। ‘आप की अदालत’ देखने के बाद पीएम मोदी ने माधवी लता की तारीफ की।

माधवी लता के बारे में क्या बोले पीएम मोदी?

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “माधवी लता जी, आपका ‘आप की अदालत’ एपिसोड असाधारण है। आपने बहुत ठोस मुद्दे उठाए हैं, और आपने तर्क और जुनून दोनों के साथ ऐसा किया है। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। मैं सभी से इसे देखने का आग्रह करता हूं। सुबह 10 बजे या रात 10 बजे इस कार्यक्रम का दोबारा प्रसारण आपको बहुत जानकारीपूर्ण लगेगा।”


माधवी लता ने सवालों के जवाब इस तरह दिए:

बता दें कि माधवी लता का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है और न ही उन्हें राजनीति का कोई अनुभव है, लेकिन ‘आप की अदालत’ में उन्होंने सवालों के ऐसे जवाब दिए कि जनता उनकी हर बात पर तालियां बजाने को मजबूर हो गई. पूरे शो के दौरान माधवी लता ने अपने जीवन और राजनीति में अपने अनुभवों के बारे में खुलकर बात की। उनसे असदुद्दीन ओवैसी के बारे में पूछा गया, हैदराबाद लोकसभा सीट को लेकर सवाल किया गया और उन्होंने एक अनुभवी नेता की तरह हर सवाल का जवाब दिया।

कौन हैं माधवी लता?

वो डॉ. माधवी विरिंची अस्पताल की अध्यक्ष हैं। वह सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं और अक्सर हिंदू धर्म पर मुखर रुख दिखाती रहती हैं। हॉस्पिटल की चेयरपर्सन होने के साथ-साथ माधवी एक भरतनाट्यम डांसर भी हैं। हैदराबाद में, वह अपने सामाजिक कार्यों के लिए जानी जाती हैं और स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा क्षेत्रों में काम करने वाले ट्रस्टों और संगठनों से जुड़ी हुई हैं। वह लोपामुद्रा चैरिटेबल ट्रस्ट और लतामा फाउंडेशन की प्रमुख हैं।


उन्होंने कोटि महिला कॉलेज से राजनीति विज्ञान में मास्टर की पढ़ाई की। वर्तमान में, हिंदू धर्म पर उनके भाषण जनता के बीच काफी लोकप्रिय हैं। इस सीट से चुनाव लड़ने से पहले भागवत राव चुनाव लड़ चुके हैं। यह पहली बार है कि बीजेपी ने हैदराबाद से किसी महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। इससे पहले पार्टी ने भागवत राव को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि भागवत को औवैसी के खिलाफ करीब तीन लाख वोटों से हार का सामना करना पड़ा। इस बार बीजेपी ने महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारकर ओवेसी के गढ़ में चुनौती देने की कोशिश की है, हालांकि ओवेसी को उनके गढ़ में हराना आसान नहीं होगा। देखने वाली बात ये होगी कि क्या हिंदुत्व का चेहरा औवेसी के गढ़ में जीत हासिल कर पाता है या नहीं।

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