नारायणपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को बड़ी चोट देते हुए सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो और डीआरजी के जवानों ने संयुक्त ऑपेशन चलाते हुए 26 से ज्यादा नक्सलियों को मौत की नींद सुलाया है। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में स्थित अबूझमाड़ के जंगलों में नक्सलियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद कोबरा कमांडो और डीआरजी जवानों ने इलाके को घेर लिया था। नक्सलियों ने इस पर जवानों पर फायरिंग की। जवानों ने पलटवार किया और नक्सलियों को मौत के घाट उतारने में सफलता पाई। छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ जंगलों में हुए एनकाउंटर में नक्सलियों का बड़ा नेता बसवा राजू भी ढेर हुआ है।
बसवा राजू पर 1.5 करोड़ का इनाम घोषित था। करीब 75 साल का बसवा राजू आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम का निवासी था। उसके पिता का नाम वासुदेव राव है। बसवा राजू सीपीआई-माओवादी का महासचिव था। बसवा राजू ने बीटेक यानी इंजीनियरिंग की शिक्षा ली थी। उसका असली नाम नंबाला केशव राव था। बसवा राजू को प्रकाश, बीआर और गगन्ना के नाम से भी नक्सली जानते थे। बसवा राजू बहुत खूंखार नक्सली था। छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में वो अपने साथियों के साथ एक्टिव रहता था। बसवा राजू गुरिल्ला युद्ध और विस्फोटकों का विशेषज्ञ था। छत्तीसगढ़ सरकार ने ही अकेले बसवा राजू पर 1 करोड़ का इनाम घोषित कर रखा था।
बसवा राजू की तलाश बहुत साल से सुरक्षाबल कर रहे थे, लेकिन वो हर बार उनके चंगुल से निकलने में सफल रहता था। बसवा राजू ने अपने नक्सली साथियों के साथ कई बड़े हमले किए। बसवा राजू पर सरकारी संपत्ति को नष्ट करने, खनन कंपनियों से रंगदारी लेने और पुलिसवालों और आम लोगों की हत्या का आरोप था। साल 2010 में दंतेवाड़ा में नक्सली हमला भी बसवा राजू ने कराया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 75 जवान शहीद हुए थे। जानकारी के मुताबिक बसवा राजू के पास से रायफल, पिस्टल वगैरा बरामद हुई है। इसके अलावा सुरक्षाबलों को नक्सली साहित्य भी उसके पास से मिला है।