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Who is Yashwant Sinha: कौन हैं IAS से विदेश मंत्री तक का सफर तय करने वाले विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा

Yashwant Sinha

नई दिल्ली। 18 जुलाई को देश के नए महामहिम राष्ट्रपति का चुनाव होना है। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 26 जुलाई को खत्म होने जा रहा है। ऐसे में चुनावी कशमकश शुरू हो चुकी है। विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों के बीच ही अपने अपने उम्मीदवारों को फाइनल करने के लिए माथापच्ची कर रहे हैं। शाम को बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक है जिसमें एक नाम पर मुहर लग सकती है। इसी बीच विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति पद के लिए यशवंत सिन्हा के नाम पर मुहर लगा दी है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने विपक्ष की बैठक के बाद इस बात की घोषणा की। वहीं इससे पहले आज सुबह यशवंत सिन्हा ने ट्वीट किया कि, “TMC में मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा मिली, उसके लिए मैं ममता बनर्जी का आभारी हूं, अब समय आ गया है जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर विपक्षी एकता के लिए काम करना चाहिए, मुझे यकीन है कि पार्टी मेरे इस कदम को स्वीकार करेगी।”

आइए आपको बताते हैं कि यशवंत सिन्हा के बारे में पूरी जानकारी। जिन्हें विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। अटल वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा को बीजेपी के दिग्गज नेताओं में गिना जाता था। 6 नवंबर 1937 को पटना में जन्मे 84 साल के यशवंत सिन्हा ने 2018 में बीजेपी का दामन छोड़ दिया और इसके लगभग तीन साल बाद मार्च 2021 में उन्होंने ममता बनर्जी की टीएमसी जॉइन कर ली। यशवंत सिन्हा राजनीति में आने से पहले 24 साल आईएएस भी रह चुके हैं। उन्होंने इन 24 सालों में अलग अलग प्रशासनिक पदों पर रहकर सेवाएं दीं। इसके बाद 1984 में उन्होंने जनता पार्टी के जरिए पॉलिटिक्स में एंट्री मारी। 1986 में उन्हें पार्टी का अखिल भारतीय महासचिव और साल 1988 में राज्यसभा सांसद चुना गया। फिर साल 1989 में जनता दल बनने के बाद उन्हें पार्टी में महासचिव बनाया गया।1990 से 1991 तक चंद्रशेखर की सरकार में वे वित्त मंत्री बने। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया।

शुरुआत में पार्टी के प्रवक्ता रहे यशवंत सिन्हा को बाद में अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री भी बनाया गया फिर साल 2004 में वे विदेश मंत्री की कुर्सी पर भी बैठे। वे बीजेपी के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं लेकिन साल 2009 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। साल 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से ही यशवंत सिन्हा बीजेपी के मार्ग दर्शक मंडल वाले नेताओं की लिस्ट में डाल दिए गए। मोदी सरकार की नीतियों से खफा होकर सिन्हा ने 2018 में बीजेपी छोड़ दी और टीएमसी में शामिल होकर नए राजनीतिक सफर की शुरुआत की।

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