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Who Was Swami Brahmanand? : कौन थे स्वामी ब्रह्मानंद, जिनकी समाधि पर जाकर पीएम नरेंद्र मोदी ने अर्पित किए श्रद्धा सुमन

Who Was Swami Brahmanand? : हमीरपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि यहां आने से पहले मैंने स्वामी ब्रह्मानंद को प्रणाम किया। उनके जैसे महान राष्ट्रसंत का अमृत महोत्सव के दौरान हम सबने स्मरण किया था। हमारी सरकार ने उनके योगदान को इतिहास में दर्ज किया लेकिन पिछली सरकारों ने उन्हें कभी सम्मान नहीं दिया।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यूपी दौरे पर हैं। बाराबंकी और फतेहपुर में जनसभा को संबोधित करने के बाद पीएम हमीरपुर पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री सबसे पहले स्वामी ब्रह्मानंद की समाधि पर गए और उनको नमन किया। इसके बाद उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। हम आपको स्वामी ब्रह्मानंद के बारे में बताते हैं।

स्वामी ब्रह्मानंद आजाद भारत के पहले संन्यासी सांसद थे। स्वामी ब्रह्मानंद का जन्म 4 दिसंबर 1894 को उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले की राठ तहसील के बरहरा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम मातादीन लोधी तथा माता का नाम जशोदाबाई था। स्वामी ब्रह्मानंद के बचपन का नाम शिवदयाल था। स्वामी ब्रह्मानंद ने बचपन से ही समाज में फैले अंधविश्वास और अशिक्षा जैसी कुरीतियों का डटकर विरोध किया। स्वामी ब्रह्मानंद जी की प्रारंभिक शिक्षा हमीरपुर में ही हुई। इसके पश्चात स्वामी ब्रह्मानंद जी ने घर पर ही रामायण, महाभारत, गीता, उपनिषद और अन्य शास्त्रों का अध्ययन किया। इसी समय से लोग उन्हें स्वामी ब्रह्मानंद के नाम से बुलाने लगे। 24 वर्ष की आयु में उन्होंने घर गृहस्थी छोड़कर संन्यास ले लिया।

1930 में स्वामी ब्रह्मानंद ने महात्मा गांधी के नमक आंदोलन में हिस्सा लिया। उन्हें 2 वर्ष की जेल काटनी पड़ी। 1942 में स्वामी जी को भारत छोड़ो आंदोलन में एक बार फिर जेल जाना पड़ा। 1966 में गौहत्या निषेध आंदोलन में स्वामी ब्रह्मानंद को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया। तब स्वामी ब्रह्मानंद ने प्रण लिया कि वे अगली बार चुनाव लड़कर ही संसद में आएंगे। जेल से छूटकर स्वामी जी ने हमीरपुर लोकसभा सीट से जनसंघ से 1967 में चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीतकर वे संसद भवन पहुंचे। 1972 में स्वामी जी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आग्रह पर कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़े और संसद पहुंचे। समाज सुधार और शिक्षा के प्रसार के लिए उन्होंने अपना जीवन अर्पित कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमीरपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यहां आने से पहले मैंने स्वामी ब्रह्मानंद को प्रणाम किया। उनके जैसे महान राष्ट्रसंत का अमृत महोत्सव के दौरान हम सबने स्मरण किया था। हमारी सरकार ने उनके योगदान को इतिहास में दर्ज किया लेकिन पिछली सरकारों ने उन्हें कभी सम्मान नहीं दिया। पिछली सरकारें सारा श्रेय केवल एक शाही परिवार को देना चाहते थे।

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