News Room Post

Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए धनखड़ के नाम का ऐलान कर BJP ने किए एक तीर से कई निशाने, कांग्रेस की हुई दुर्गति, दीदी को भी नहीं बख्शा

नई दिल्ली। शाम का वक्त था…बीजेपी कार्यालय में नेताओं की आवाजाही जारी थी…कोई अपनी गाड़ी पार्क कर रहा था, तो कोई मोबाइल पर नजरें दौड़ा रहा था, तो कोई  भारतीय राजनीति की मौजूदा स्थिति पर चर्चा कर रहा था, तो कोई उपराष्ट्रपति चुनाव के प्रत्याशी को लेकर अपनी आतुरता बयां कर रहा था। ध्यान रहे कि उस वक्त तक उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया गया था। लेकिन..हां…बीजेपी के संसदीय दल की बैठक जरूर चल रही थी…जिसमें बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे। पूरी चर्चा परिचर्चा संपन्न होने के उपरांत बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रेस वार्ता करने आए, जिसमें आमंत्रित किए गए सभी पत्रकार बंधुओं की मौजूदगी में नड्डा ने उपराष्ट्रपति पद के लिए जगदीप धनखड़ के नाम का ऐलान कर दिया, तो वहां मौजूद सभी लोगों के होश फाख्ता हो गए। सभी बड़ी-बड़ी आंखों से एक दूसरे को निहारने में मशगूल हो गए और कहने लगे कि ये क्या हो गया। जी बिल्कुल…वहीं मीडिया मंडी में भी जैसे ही यह खबर प्रकाश में आती है कि बीजेपी ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए जगदीप धनखड़ के नाम का ऐलान किया है, तो पत्रकार समुदाय में भी खलबली मच जाती है, लेकिन इन सबके बीच कोई था, जिसके होश इस नाम से नहीं उड़े और वो थे राजनीतिक पंडित।

राजस्थान चुनाव 

जी हां…आपको बता दें कि राजनीतिक पंडितों के मुताबिक, बीजेपी ने धनखड़ के सहारे एक तीर से कई निशाने किए हैं। उन्होंने धनखड़ के नाम का ऐलान कर आगामी राजस्थान चुनाव में भी समीकरण साधने की कोशिश की है। धनखड़ राजस्थान के झुंझुनू से आते हैं। जाट समुदाय से ताल्लुकात हैं। अगले साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। वहीं, बीजेपी से जाट समुदाय का हमेशा से ही यह शिकवा रहा है कि उनके समुदाय को कभी-भी राजनीति में समुचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया। उधर, धनखड़ राजस्थान में जाट समुदाय को आरक्षण दिलाने में अहम भूमिका अदा कर चुके हैं। राजस्थान की राजनीति के वे पुराने क्षत्रप माने जाते हैं। राजस्थान की राजनीति की पिच पर वे लंबी पारी भी खेल चुके हैं। हालांकि, राजस्थान में हमेशा से ही सत्ता परिवर्तन का सिलसिला रहा है। वहीं, बीजेपी  राजस्थान की मौजूदा गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने में मशगूल है। लेकिन, इस पूरे मामले को लेकर धनखड़ की दावेदारी को लेकर माना जा रहा है कि बीजेपी की तरफ से धनखड़ के नाम का ऐलान कर उन्होंने बड़ा दांव चल दिया है।

ममता से कनेक्शन

बता दें कि साल 2019 में धनखड़ ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल की जिम्मेदारी अपने कांधे पर ली थी। जिस तरह हर मसले को लेकर धनखड़ ने ममता बनर्जी की नाम में दम कर रखा है, उसे देखते हुए भी बीजेपी  ने उनके नाम का ऐलान उपराष्ट्रपति पद के लिए किया है।

Exit mobile version