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Assam: भगवान शिव के अपमान के आरोप में गिरफ्तार हुए कलाकारों के बचाव में क्यों उतरे CM हेमंत बिस्वा? वजह जान चौंक जाएंगे आप

नई दिल्ली। मौजूदा स्थिति को देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे हिंदू धर्म का मखौल उड़ाना अब लोगों का शगल बना चुका है। हिंदुओं की आस्था पर चोट पहुंचाकर लोग खुद को बुद्धजीवी साबित करने की कोशिश में जुट गए हैं। उनके जेहन में पता नहीं किसने यह भ्रांति भर दी है कि अगर आप हिंदू धर्म की मान्यताओं पर सवाल उठाएंगे या हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाएंगे, तो आपको बुद्धजीवी समझा जाएगा। अभी कुछ दिनों पहले ही लीना मणिकेनाई की फिल्म सामने आई थी, जिसमें उन्होंने अपने फिल्म के पोस्टर में मां काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया था, जिसके बाद उनकी खूब आलोचना हुई थी। उन पर हिंदू धर्म का अपमान करने का आरोप लगने लगा तो कहने लगी कि क्या अब इस देश में अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। लेकिन, यहां सवाल यह है कि आखिर आप अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में किसी की भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश करते रहेंगे और आप हम से उम्मीद करते हैं कि हम खामोश रहें। चलिए, छोड़िए, इन मुद्दों को, अब आप इतना सब कुछ पढ़ने के बाद मन ही मन सोच रहे होंगे कि आखिर आप क्यों आज इस तरह के मसले का जिक्र कर रहे हैं। आखिर माजरा क्या है।

दरअसल, कुछ युवक युवती बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, कुशसान और भ्रष्टाचार सरीखे मसले को लेकर नुक्कड़ नाटक कर रहे थे। नाटक में शामिल सभी कलाकार हिंदू देवी-देवताओं की पोशाक में नाटक कर रहे थे, जिसमें दो कलाकारों की फोटो अभी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जिसमें मां पार्वती और भगवान शिव के पोशाक में मोटरसाइकल से जाते हुए नजर आ रहे हैं। बता दें कि ये दोनों नुक्कड़ नाटक में शामिल होकर इन मसलों को लेकर अपनी आवाज को मुखर कर रहे थे। तभी किसी ने इन दोनों ही कलाकारों पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज करवा दिया जिसके बाद दोनों ही कलाकारों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन इस मामले में नया टिव्स्ट तब सामने आया है, जब असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने इनका बचाव किया है। आपको आपको बताते हैं कि आखिर उन्होंने ट्वीट कर क्या कुछ कहा है।

मुख्यमंत्री ने इस मामले के संदर्भ में ट्वीट कर कहा कि, ‘मैं आपसे सहमत हूं @नवरूपसिंह_ वह समसामयिक मुद्दों पर नुक्कड़ नाटक ईशनिंदा नहीं है। जब तक आपत्तिजनक सामग्री न कही जाए तब तक कपड़े पहनना कोई अपराध नहीं है। को उचित आदेश जारी कर दिया गया है।’ तो इस तरह से आप देख सकते हैं कि कैसे असम के मुख्यमंत्री ने इस मामले में दोनों ही कलाकारों को बचाव किया है, लेकिन इन सबके बीच यह देखना दिलचस्प रहेगा कि आगे चलकर यह पूरा मजारा क्या कुछ रुख अख्तियार करता है।

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