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Mukesh Ambani Antilia case: आखिर सचिन वाजे की टीम के सदस्य अपने साथ क्यों ले गए थे उनकी सोसाइटी के CCTV फुटेज?

sachin vaze

नई दिल्ली। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया (Antilia) के पास विस्फोटक रखने के मामले में एक के बाद एक बड़ा खुलासे हो रहे हैं। जहां एंटीलिया केस (Antilia Case) में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़ा एक्शन लेते हुए मुंबई के पुलिस अधिकारी (Mumbai Police Oficer) सचिन वाजे (Sachin Waze) को गिरफ्तार कर लिया। फिर इसके बाद रविवार को वाजे को अदालत के सामने पेश किया गया। अदालत ने वाजे को 25 मार्च तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया। वहीं NIA के एक्शन के बाद मुंबई पुलिस ने सचिन वाजे पर बड़ी कार्रवाई की। बई पुलिस ने सचिन वाजे को सस्पेंड कर दिया है। 16 साल में सचिन वाजे दूसरी बार सस्पेंड हुए हैं। वहीं एनआईए को अंबानी के घर के पास विस्फोटक रखने के मामले में बड़ी जानकारी हाथ लगी है। दरअसल अंबानी के घर के बाहर जिस रात स्कॉर्पियो कार खड़ी की गई थी, उसी रात संदिग्ध इनोवा कार में एक शख्स पीपीई किट पहने दिखा था। जिसके बाद अब जांच एजेंसी एनआईए उस शख्स की तलाश में जुट गई है। एनआईए के निशाने पर सचिन वाजे हैं। ऐसे में राष्ट्रीय जांच एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है कि क्या उस हादसे की रात सचिन वाजे मौके पर मौजूद थे। साथ ही एजेंसी इस बात की भी जांच कर रही है कि जो शख्स सीसीटीवी फुटेज में पीपीई किट पहने हुए दिखा है, क्या वो सचिन वाजे है या नहीं? इतना ही नहीं अब जांच एजेंसी वाजे को पीपीई किट पहनाकर सीसीटीवी में दिखने वाले शख्स की चाल से मिलान भी करनेवाली है।

इस सब के बीच सोमवार को एनआईए की तरफ से एक और बड़ी सूचना निकलकर सामने आई है। दरअसल स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद उसके परिवार वाले लगातार सचिन वाजे को लेकर सवाल उठा रहे थे। वह यह तक कह रहे हैं कि सचिन वाजे की वजह से ही मनसुख हिरेन की हत्या हुई और इस हत्याकांड में वाजे का ही हाथ है। अब एनआईए की तरफ सो जो खुलासा हुआ है वह बेहद चौंकाने वाला है। एनआईए के मुताबिक जो स्कॉर्पियो मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटकों से भरी मिली थी। उसके बारे में खुलासा हुआ था कि वह कभी चोरी ही नहीं हुई थी। जबकि इस गाड़ी को मुकेश अंबानी के घर के बाहर पाया गया था तो इस स्कॉर्पियो के विक्रोली इलाके से चोरी होने की सूचना दी गई थी। साथ ही इस मामले में मुकदमा भी दर्ज करवाया गया था।

सचिन वाजे की टीम के सदस्य अपने साथ क्यों ले गए थे उनकी सोसाइटी के CCTV फुटेज?

एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी गाड़ी मिलने के बाद 25 फरवरी को सचिन वाजे को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से इस मामले की जांच सौंपी गई थी। इससे पहले सचिन वाजे को लेकर यह खुलासा भी हो गया है कि वह इसी स्कॉर्पियो से पत्रकार अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार करने भी पहुंचे थे। इसके साथ ही यह भी खुलासा हो चुका है कि इसमें इस्तेमाल किए गए नंबर प्लेट पर जो नंबर है वह किसी मोटरसाइकिल का नंबर था। मतलब इस पूरे मामले को फेक नंबर में भी उलझाने की कोशिश की गई थी।

वहीं इसके साथ ही यह भी खुलासा हो गया है कि यह स्कॉर्पियो कभी चोरी ही नहीं हुई थी। बल्कि यह गाड़ी सचिन वाजे की सोसायटी में ही पार्क थी। जिसके सबूत मिटाने के लिए ही सोसायटी के सीसीटीवी फुटेज को हासिल किया गया और इसे नष्ट कर दिया गया। जानकारी की मानें तो सचिन वाजे की टीम ने ठाणे के साकेत कॉम्प्लेक्स में लगे CCTV कैमरों का DVR अपने कब्जे में यह कहकर ले लिया था कि एंटीलिया के बाहर मिले विस्फोटक से भरी गाड़ी के मामले में जांच के लिए इसकी जरूरत है। NIA की टीम की तरफ से अब उस DVR को फिर से हासिल कर लिया गया है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट की टीम के लोगों ने आखिर सचिन वाजे की सोसायटी का डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर क्यों हटाया था? जानकारी की मानें तो 27 फरवरी को क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट की टीम के 4 सदस्य सोसायटी में आए थे और DVR को अपने कब्जे में लेने की बात कह रहे थे। सोसायटी की तरफ से इसपर लिखित में देने को कहा गया था। इसके बाद टीम के लोगों ने एक लिखित नोट उन्हें सौंपा।

एनआईए ने अब इस पूरे मामले में किया है नया खुलासा

अब एनआईए ने खुलासा किया था कि सचिन वाजे ने अपनी सोसायटी के सीसीटीवी फुटेज अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर हासिल किया और इसे नष्ट करा दिया। इसके साथ ही एनआईए को सचिन वाजे के सहयोगी का वह पत्र भी मिला जिसके जरिए सोसायटी से यह सारे सीसीटीवी फुटेज हासिल किए गए जिसे नष्ट किया गया। इसमें सचिन वाजे के हस्ताक्षर हैं। इसके साथ ही सचिन वाजे के हस्ताक्षर किए गए इस पत्र में लिखा गया है कि सीसीटीवी फुटेज की फोटो एंटीलिया केस की जांच के लिए मांगे जा रहे हैं।

एनआईए ने इस बात का भी खुलासा किया कि सचिन वाजे ने इसके बाद सीसीटीवी फुटेज हासिल किया और उसे नष्ट करने की कोशिश की। इसके साथ ही इस बात का भी सबूत एनआईए को मिला है कि सचिन वाजे उस दुकान पर भी गए थे जहां गाड़ी की नंबर प्लेट बनाई जाती है। जहां से उन्होंने स्कॉर्पियो और इनोवा के लिए फर्जी नंबर प्लेट भी बनवाई थी। इस मामले में रियाज काजी नाम के एक शख्स से एनआईए पूछताछ भी कर रही है।

ऐसे में एनआईए की जांच में हुए इन खुलासों के बाद सचिन वाजे और महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। सचिन वाजे को लेकर सिवसेना सरकार पर भाजपा पहले से ही हमलावर है और इस तरह के खुलासे के बाद शिवसेना पर भाजपा का हमला और तेज होनेवाला है।

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