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Ambedkar Jayanti 2022: क्यों मनाते हैं अंबेडकर जयंती?, जानिए संविधान निर्माता बाबासाहेब का देश में योगदान

नई दिल्ली। अपना पूरा जीवन संघर्ष में बिताने वाले डॉ. भीमराव अंबेडकर की आज जयंती है। उन्होंने लोगों को उनका हक दिलाने और देश के सभी नागरिको को समान अधिकार दिलाने के लिए संविधान का निर्माण किया। उन्होंने पूरे जीवन कमजोर और पिछड़े वर्गों के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। अम्बेडकर शिक्षा का प्रसार कर समाज के कमजोरों, मजदूरों, महिलाओं आदि को सशक्त बनाना चाहते थे। अम्बेडकर एक शानदार राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, दार्शनिक, मानवविज्ञानी और समाज सुधारक थे, जिन्होंने भारत में फैली जाति व्यवस्था के विरूद्ध आवाज उठाई और दलित समाज के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। 14 अप्रैल, 1891  को जन्में डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनके महान कार्यों, देश में उनकी कड़ी मेहनत और योगदान को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए, हर साल 14 अप्रैल को समानता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को देश में अंबेडकर जयंती या भीम जयंती के नामों से भी जाना जाता है। इस साल अम्बेडकर जयंती गुरुवार को यानी 14 अप्रैल को मनाई जाएगी। अम्बेडकर के सबसे मजबूत और सबसे वफादार अनुयायी जनार्दन सदाशिव रणपिसे, एक सामाजिक कार्यकर्ता, ने 14 अप्रैल, 1928 को पुणे में पहली बार डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई थी। तब से 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती मनाने की परंपरा शुरू हो गईं और आज भी इस दिन हर साल आधिकारिक सार्वजनिक अवकाश के रूप में अम्बेडकर जयंती मनाई जाती है।

अम्बेडकर जयंती का महत्व

पिछड़ों और वंचितों को उनके अधिकार दिलाने, असमानता को हटाने और उन्हें समानता का अधिकार दिलाने के लिए पूरा जीवन लगा दिया। इसलिए इस दिवस को मनाकर उन्हें याद किया जाता है साथ ही उनके उत्थान में बाबासाहेब के योगदान का निरीक्षण किया जाता है। बाबासाहेब द्वारा तैयार किया गया संविधान जाति, पंथ, धर्म, नस्ल, संस्कृति आदि से ऊपर उठकर सभी नागरिकों को समान अधिकार देने की गारंटी देता है। भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित इस महान समाज सुधारक और सच्चे देशभक्त डॉ. भीमराव अंबेडकर का 6 दिसंबर 1956  को निधन हो गया।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर के कार्य

1.बाबा साहेब ने अछूतों के बुनियादी अधिकारों और उनकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय संस्था बहिष्कृत हितकारिणी सभा का गठन किया।

2.दलितों को सार्वजनिक पेयजल आपूर्ति कराई।

3.दलितों को हिंदू मंदिरों में प्रवेश करने का अधिकार दिलाने के लिए कई आंदोलन किए।

4.डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने लेबर पार्टी का गठन किया था।

5.उनकी योग्यता को देखते हुए उन्हें संविधान समिति का अध्यक्ष चुना गया।

6.देश को आजादी मिलने के बाद बाबासाहेब को कानून मंत्री के पद पर नियुक्त किया गया था।

7.बाबासाहेब मुंबई की नॉर्थ सीट से देश का पहला आम चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

9.इसके अलावा वो दो बार राज्यसभा सांसद भी रहे।

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