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Big Disclose: अखिलेश की चेतावनी के बाद भी क्यों दिया सपा विधायकों ने मुर्मू को वोट, शिवपाल यादव ने कर दिया बड़ा खुलासा

akhilesh yadav

नई दिल्ली। देखिए, चुनाव तो हर कोई जीत लेता है, लेकिन जिस तरह की जीत राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू ने हासिल की है, वह यकीनन काबिल-ए-तारीफ है। चुनाव जीतने के साथ वे देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनने में कामयाब रहीं हैं। हालांकि, चुनाव से पूर्व ही उनका जीतना तय माना जा रहा था। सियासी पंडित पहले ही इस बात का खुलेआम ऐलान कर चुके थे कि सिन्हा चुनाव लड़कर महज अपना समय जाया कर रहे हैं, क्योंकि द्रौपदी मुर्मू बाजी मार चुकी हैं। खैर, तब भी विधिवत रूप से चुनावी नतीजों का सार्वजनिक हो जाना जरूरी थी, सो बीते गुरुवार हो गया और नतीजों में भी वही हुआ, जिसके कयास पिछले कई दिनों से लगाए जा रहे थे। द्रौपदी मुर्मू चुनाव जीतने में कामयाब रहीं, लेकिन चुनाव से पहले जिस तरह की स्थिति सियासी गलियारों में देखने को मिली थी, वह यकीनन मजेदार रही। उस वक्त विपक्ष की दुर्गति अपने चरम पर पहुंचती हुई दिखी, जब एक-एक करके तमाम विपक्षी दल खुलतौर पर मुर्मू के पक्ष में वोट देने की बात कहने लगे। हैरानी तो तब होती है, जब झारखंड में कांग्रेस के साथ सरकार चला रही हेमंत सोरेन की पार्टी भी मुर्मू के समर्थन में वोट देने का ऐलान कर देती है। इस तरह से संप्रग के सहयोगी दल बीजू जनता दल भी मुर्मू को समर्थन करने का ऐलान कर देते हैं। ऐसे में चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकता किसी ताश के पत्ते की भांति बिखरती हुई नजर आई।

उधर, समाजवादी पार्टी की बात करें, तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव की तरफ से क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई थी, लेकिन इसके बावजूद भी सपा के कई विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में वोट करने से गुरेज नहीं किया, जिस पर अब शिवपाल सिंह यादव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि जो लोग भी कट्टर समाजवादी होंगे, उन्होंने मुर्मू का समर्थन किया होगा। वहीं, उनसे जब पूछा गया था कि आखिर किन विधायकों ने मुर्मू का समर्थन किया है, तो इस पर उन्होंने कहा कि मुझे अभी इस बारे में जानकारी नहीं है। अगर होगी भी तो मैं नाम जाहिर नहीं करूंगा। वहीं, अगर आपको लोगों ऐसे विधायकों के नाम पता लग जाए तो मुझे भी बता दीजिएगा। वहीं, जब शिवपाल से समाजवादी पार्टी द्वारा यशवंत सिन्हा को समर्थन किए जाने की वजह के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी अखिलेश के इस कदम की निंदा की थी और आज भी करता हूं।

उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने हमारी आदरनीय मुलायम सिंह यादव को आईएसआई का एजेंट बताया था, आखिर हमारे पार्टी के नेता उसे कैसे समर्थन कर सकते हैं। मैं तो नहीं मानता हूं कि कोई भी कट्टर समाजवादी यशवंत सिन्हा को समर्थन कर सकता था। शिवपाल ने आगे कहा कि मैंने तो पहले ही कह दिया था कि मैंने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन किया है। उन्होंने आगे सिन्हा का जिक्र कर कहा कि बीते दिनों जब सिन्हा राजधानी लखनऊ आए थे, तो वे ना ही मुझसे मिले थे और ना ही उन्होंने मुझसे समर्थन मांगा था और वैसे भी मैंने मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर दिया था।

शिवपाल ने आगे कहा कि, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अखिलेश यादव की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव में उस शख्स को समर्थन देने की बात कही गई थी। जिसने कभी हमारे आदरनीय मुलायम सिंह यादव को आईएसआई का एजेंट बताया था, लेकिन इसके बावजूद भी भारी संख्या में सपाइयों ने राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू का समर्थन किया था। उन्होंने पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की है। बहरहाल, अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू के समर्थन में वोट करने वाले विधायकों के नाम जाहिर होने के बाद उनके खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाती है।

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