News Room Post

Big Action: जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा का आतंक पर करारा वार, बिट्टा कराटे की पत्नी और सलाहुद्दीन के बेटे समेत 4 नौकरी से बर्खास्त

bitta karate and syed salahuddin

जम्मू। आतंकियों से रिश्ते रखने के आरोप में जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर LG मनोज सिन्हा ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 4 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। इनमें कश्मीरी पंडितों के हत्यारे आतंकी बिट्टा कराटे की पत्नी और हिजबुल चीफ सैयद सलाहुद्दीन का बेटा भी है। इन सभी कर्मचारियों पर कश्मीरी पंडितों की हत्या के मामले में आरोप लगे थे। बिट्टा कराटे की पत्नी कश्मीर यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिक के पद पर थी। उसका नाम असाबा अर्जुमंद खान है। असाबा साल 2011 बैच की जेकेएएस अफसर के तौर पर सरकारी नौकरी में आई थी। उसके अलावा कश्मीर यूनिवर्सिटी में ही वैज्ञानिक मुहीत अहमद बट, असिस्टेंट प्रोफेसर माजिद हुसैन कादरी और जेकेईडीआई में आईटी मैनेजर सैयद अब्दुल मुईद को भी बर्खास्त किया गया है। मुईद का पिता आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का चीफ सैयद सलाहुद्दीन है। सलाहुद्दीन के दो बेटे पहले ही सरकारी नौकरी से बर्खास्त किए जा चुके हैं।

बर्खास्त होने वाली बिट्टा कराटे की पत्नी असाबा अर्जुमंद खान के बारे में सरकार को सबूत मिले कि वो आतंकी संगठनों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से करीबी रिश्ते रखे हुए है। बिट्टा कराटे के खिलाफ मुकदमे के दौरान वो सुर्खियों में आई थी। सूत्रों के मुताबिक असाबा को पहले शेर-ए-कश्मीर कृषि और तकनीकी यूनिवर्सिटी में साल 2003 में नौकरी मिली थी। उसे बैकडोर एंट्री दी गई थी। ये भी पता चला है कि साल 2003  2007 तक वो काम पर नहीं आई, लेकिन उसके खिलाफ कोई एक्शन तक नहीं लिया गया था। साल 2007 में उसे नौकरी से बर्खास्त किया गया था। काम पर न आने के दौरान बिट्टा कराटे की पत्नी जर्मनी, ब्रिटेन, श्रीलंका और थाईलैंड समेत कई देशों की यात्रा पर भी गई थी। जांच से पता चला है कि वो आतंकी संगठन जेकेएलएफ के लिए धन उगाही का काम करती थी।

ये भी पता चला है कि असाबा अर्जुमंद भले ही विदेश यात्रा के दौरान विमान से देश के बाहर जाती हो, लेकिन ज्यादातर वक्त वो नेपाल या बांग्लादेश से सड़क के रास्ते भारत लौटती थी। साल 2011 में उसने जम्मू-कश्मीर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस की परीक्षा पास की। जिसके कुछ महीने बाद ही बिट्टा कराटे से उसकी शादी हुई थी। बर्खास्त होने वालों की लिस्ट में शामिल मुहीत अहमद बट भी छात्रों के विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा देता था। इन प्रदर्शनों में सैकड़ों लोग मारे गए थे। उस पर छात्रों को कट्टरपंथी बनाने का भी आरोप है। इसी तरह बर्खास्त माजिद हुसैन कादरी पहले लश्कर-ए-तैयबा का हार्डकोर आतंकी था। उसने लश्कर के आतंकियों को कई हमले करने में मदद की। जबकि, सैयद अब्दुल मुईद का पिता आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का चीफ सैयद सलाहुद्दीन है। मुईद को बिना सीआईडी वैरिफिकेशन के नौकरी मिली थी। वो पहले संविदा पर था, फिर परमानेंट हो गया। मुईद को नौकरी मिलने के बाद जेकेईडीआई कैंपस के आसपास कम से कम 3 आतंकी हमले हुए। जिनमें कई सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। पता चला कि मुईद इन हमलों में टारगेट और मदद देने में शामिल था।

Exit mobile version