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Rajasthan Congress List: राजस्थान में तमाम विधायकों का टिकट काटेगी कांग्रेस?, अशोक गहलोत के पक्ष में बीते साल दिखाया था बागी तेवर

sonia and rahul gandhi

नई दिल्ली। कांग्रेस आलाकमान से बगावती तेवर दिखाना राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के कुछ करीबियों पर भारी पड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस आलाकमान राजस्थान में गहलोत के समर्थन में पिछले साल बगावती रुख अपनाने वाले इन विधायकों और मंत्रियों के टिकट काट सकता है। बताया जा रहा है कि इसके अलावा तमाम अन्य विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों को उनकी सीटों पर लड़ाने की कांग्रेस आलाकमान ने तैयारी की है। इससे राजस्थान में कांग्रेस की तरफ से बड़ा कदम माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार इसी वजह से राजस्थान के लिए कांग्रेस की प्रत्याशियों की लिस्ट आने में देरी लग रही है। हालांकि, बताया ये जा रहा है कि आज शाम या कल तक कांग्रेस की तरफ से राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम का एलान किया जा सकता है।

अशोक गहलोत के समर्थक मंत्री शांति धारीवाल ने भी बगावती तेवर दिखाए थे।

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सीईसी की बैठक में राजस्थान के एक गहलोत समर्थक मंत्री का नाम सामने आया और उनको टिकट देने पर चर्चा हुई, तो सोनिया गांधी ने संबंधित मंत्री के बारे में पूछा कि क्या ये वही शख्स है। इस पर राहुल गांधी ने बताया कि इस शख्स ने 2022 में गहलोत के पक्ष में कांग्रेस आलाकमान के दूतों के सामने बागी तेवर दिखाए थे। अब माना जा रहा है कि अशोक गहलोत के समर्थक इस कद्दावर मंत्री का टिकट कांग्रेस आलाकमान काट सकता है। दरअसल, 2022 की 25 सितंबर को कांग्रेस आलाकमान के दूत अजय माकन और मल्लिकार्जुन खरगे जयपुर पहुंचे थे। दोनों नेताओं के वहां पहुंचने पर गहलोत समर्थक करीब 90 विधायकों ने बागी तेवर दिखाए थे। इन नेताओं में शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौर भी थे। बागी तेवर दिखाने वाले गहलोत समर्थक अड़ गए थे कि किसी सूरत में सचिन पायलट को वो राजस्थान का सीएम नहीं बनने देंगे। इस मामले में अशोक गहलोत ने उस वक्त चुप्पी साध ली थी।

अशोक गहलोत के बारे में पहले चर्चा थी कि उनको कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की कोशिश हो रही है, लेकिन जयपुर में जिस तरह साथी विधायकों ने बागी तेवर दिखाकर कांग्रेस आलाकमान के दूतों को बैरंग लौटने पर मजबूर किया, उसके बाद उनका पत्ता कट गया। बाद में खबरें आईं कि अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मिलकर विधायकों के बागी तेवर के मामले में माफी भी मांगी। फिर भी लगता है कि अब गहलोत समर्थकों के पर कतरकर कांग्रेस आलाकमान ये संदेश देना चाहता है कि पार्टी की रीति-नीति न मानने वालों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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