News Room Post

क्या अब BJP का दामन थामेंगे गांगुली? ममता बनर्जी को लेकर सौरव ने कही ये बात

bjp

नई दिल्ली। बीते शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के घर डिनर करने पहुंचे थे। दोनों के बीच यह मुलाकात आत्मीयतापूर्ण रही। कई मसलों को लेकर दोनों के बीच वार्ता हुई थी, लेकिन किन मसलों पर हुई थी। यह सार्वजनिक नहीं हो पाई। बहरहाल, वार्ता संपन्न होने के बाद कयास लगाए जाने लगे कि दादा अब बीजेपी का दामन थाम सकते हैं, लेकिन इस बारे में उनकी तरफ से कोई भी अंतिम प्रतिक्रिया तो सामने नहीं आई थी, लेकिन अब इस मुलाकात के बारे दादा की तरफ से प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। उन्होंने इस मुलाकात को गैर- राजनीतिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह मुलाकात बिल्कुल निजी और राजनीति से परे थी। इसका राजनीति से कोई  सरोकार नहीं था।

इसके साथ ही उन्होंने ममता बनर्जी के बारे में अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि उनकी दीदी के साथ अच्छे ताल्लुकात हैं। बता दें कि इससे पहले भी वे कई मौकों पर दीदी के  साथ मुखातिब हो चुके हैं। जब-जब वे दीदी से मुखातिब हुए हैं, तब-तब इस बात के कयास लगाए जाते रहे हैं कि वे टीएमसी का दामन थाम सकते हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने अपनी तरफ से इस संदर्भ में कोई भी अंतिम प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है। इसके साथ डिनर के बारे में उन्होंने कहा कि काफी लंबे समय से उनका अमित शाह से संबंध रहा है, जिसे लेकर उन्हें डिनर पर बुलाया गया था। लिहाजा इस मुलाकात को राजनीति के चश्मे से न देखा जाए। इसके साथ ही दादा ने फरहीद हकीम के बारे में कहा कि वे उनके काफी नजदीक हैं। दादा ने कहा कि जब से वे 1वीं कक्षा में पढ़ते हैं, तभी  से वे उनके अच्छे मित्र रहे हैं।

वहीं गांगुली ने आगे कहा कि आमतौर पर ऐसा होता है कि जब कभी-भी आप  किसी भी राजनीतिक हस्ती से मुखातिब होते हैं, तो इस तरह के कयास लगाए जाने शुरू हो जाते हैं। यह मानवीय चरित्र है। बता दें कि इससे पहले भी कई मौकों  पर दादा के बीजेपी में शामिल होने के कयास लगाए जाते रहे हैं। ध्यान रहे कि इससे पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भी इस तरह के कय़ास लगाए गए थे कि दादा बीजेपी का दामन थाम सकते हैं, लेकिन चुनाव मुकम्मल होने के बाद यह सारे ही दावें बिल्कुल बेबुनियादी साबित हुए। बहरहाल, अब आगामी दिनों में दादा आगे चलकर क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

Exit mobile version