News Room Post

Bihar: क्या PM मोदी को टक्कर दे पाएंगे नीतीश कुमार?, पटना से दिल्ली आने के लिए BJP से तोड़ा गठबंधन!

नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2024 लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया है। वो पीएम मोदी का बिना नाम लिए कह रहे है कि 2024 में तक्त बदलेगा, ताज बदलेगा। लेकिन ये मुमकिन नहीं लगता है। क्योंकि जिस तरह से पीएम नरेंद्र मोदी की छवि और तेवर है वहीं नीतीश कुमार के सपनों के रास्ते में सामने विपक्षी पार्टियां ही आने लगी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव नकार चुके है, भाजपा उनका मजाक उड़ा रही है। दरअसल आज नीतीश कुमार ने 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने के बाद बिहार के सीएम का आवास एक अणे मार्ग हो जाता है लेकिन क्या अब उनके सपनों में 7 लोक कल्याण मार्ग बस गया है। दरअसल नीतीश कुमार कल तक जिस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ थे। आज वो उनकी सत्ता को खुली चुनौती दे रहे है। नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, हमारी किसी भी पद के लिए कोई दावेदारी नहीं है। लेकिन साल 2014 में आए वो 2024 के बाद रह पाएंगे या नहीं?

कल तक सीएम नीतीश कुमार के जो विरोधी थे आज वो उनकी राजनीति से लहालोट है और उन्हें पीएम पद के काबिल मान रही है। लड़ाई 2024 और 2025 की है। 2024 लोकसभा चुनाव में चाचा नीतीश कुमार की नजर है और 2025 में भतीजे तेजस्वी यादव की है। सबसे पहले बात 2024 की करें तो, नीतीश कुमार ने अपनी सियासी अदा का परिचय देते हुए जिस तरह से मंगलवार को पलटी मारी। जिसके बाद उनसे सवाल किया गया कि वो दिल्ली की तरफ देख रहे है। उनका सीधा जवाब नहीं दिया। मगर जब यही प्रश्न तेजस्वी यादव से किया गया तो उन्होंने नीतीश कुमार पर फैसला छोड़ दिया और उनकी जमकर तारीफ भी की। इतना ही नहीं डिप्टी सीएम की शपथ लेने के बाद तेजस्वी ने नीतीश कुमार के पैर छुए और गले भी लगाया। लेकिन ये रिश्ता सौदेबाजी का है या फिर निजी भावुकता का। ये कुछ दिनों के बाद ही पता चलेगा।

लेकिन नीतीश कुमार के रुख से साफ है कि वो 2024 लोकसभा चुनाव पर नजर गढ़ाए हुए है। बता दें कि इस वक्त पीएम मोदी के सामने विपक्ष का कोई बड़ा और विश्वसनीय चेहरा नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस दिन ब दिन सिमटती जा रही है और दूसरी पार्टियां क्षेत्रीय दल है। बता दें कि पीएम मोदी ने 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में बहुमत के साथ जीत हासिल की थी बल्कि सीटों में इजाफा किया। यदि पीएम मोदी और नीतीश कुमार की तुलना करें तो एक तरफ जहां प्रधानमंत्री मोदी की प्रभावशाली चेहरा है।

वहीं नीतीश कुमार की छवि बार-बार पलटने वाले नेता की है, पीएम मोदी अपने विचारों स्पष्ट है, जबकि नीतीश कुमार एक विचारधारा के नहीं है। इसके अलावा पीएम मोदी को पार्टी में चुनौती देने वाला कोई नहीं है। वहीं नीतीश को विपक्ष की तरफ से ही चुनौती मिल सकती है क्योंकि विपक्ष के कई नेताओं के सपने नीतीश कुमार से टकराएंगे। पीएम मोदी देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेता है, जबकि नीतीश कुमार की पार्टी क्षेत्रीय दल है और उनसे बड़ी कई पार्टियां है। पीएम मोदी अपने दम पर पूर्ण बहुमत लाने का दम है। वहीं नीतीश कुमार की पार्टी 12 सालों में सिमटती जा रही है।

ऐसे में नीतीश कुमार को बिहार में लगता है कि उन्होंने खेला कर दिया है। वैसा ही खेला 2024 में कर देंगे। बिहार में नीतीश की पार्टी तीसरे पायदान पर होते हुए भी जिस तरह से सत्ता की बागडोर उनके हाथ में है उससे ये साफ है कि 2024 का चुनाव नीतीश कुमार दिलचस्प बना सकते है?

Exit mobile version