नई दिल्ली। पिछले साल किसान आंदोलन में सबसे बड़े चेहरे के रूप में उभरकर सामने आए भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत देश ही नहीं दुनिया में भी अपने इस काम को लेकर कितने लोकप्रिय हो गए हैं इसका अंदाजा आप इस बात से लगा लीजिए कि उनका नाम ’21 सेंचुरी आइकन अवॉर्ड’ के लिए अंतिम सूची में शामिल किया गया है। बीकेयू उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष राजबीर सिंह ने इसे लेकर जानकारी देते हुए बताया है कि पुरस्कार 10 दिसंबर को दिया जाएगा। हालांकि टिकैत का इस सम्मान को लेकर कहना है कि वो लंदन नहीं जा रहे क्योंकि वो प्रदर्शन में व्यस्त हैं। टिकैत का कहना है कि वो पुरस्कार तब स्वीकार करेंगे जब किसानों की मांगों को मान लिया जाएगा। हालांकि जैसे ही टिकैत को पुरस्कार दिए जाने की खबर माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर आई तो लोगों इसपर अपनी काफी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
Bebkoof hai…
— Dinesh Kesaria (@DineshKesaria) December 3, 2021
Kis chutiyae ko dal diya….
— Raja Swain (@RajaSwa56217746) December 3, 2021
Tujh jaise jahil kamine logo ne hi desh ki aisi taisi ki hui hai mare dal rha kisano ko jahil kahi ka
— sunny satish kumar (@sunnysatishkum1) December 3, 2021
— Abhimanyu Chauhan (@Abhiman45010620) December 3, 2021
Hazaron kisaano ki jindigi and Laakhon logo ka chain is award ko paane ke liye chhena kya, jai ho kisaan neta
— devendra (@Drdev21Devendra) December 3, 2021
डकैत ताऊ अगर अवार्ड मिले तो मत लेना ….क्यूंनकी अवार्ड लेने के बाद जब पिछवाड़े पे लठ पड़ेंगे तो और ज्यादा बेज्जती होगी ????
— Prince Arya (@PrinceS19184033) December 3, 2021
बियाह में जो जूता चूराने वाली लड़कियां होती है उनमें एक प्रमुख होती है जो मोल भाव करती है,
वो अपने आप को राकेश टिकैत समझती है।
????— Sunil Sharma (@indianssharma) December 3, 2021
कुछ लोग किसान आंदोलन की आड़ में भारतवर्ष का नुकसान कर रहे है.
ये जातिवाद फेहला रहे है.
इतिहास गवाह है कि भारत को हराने वाले भीतर के ही थे.. विदेशो से तो बस पैसा ही आता है..— Porus the fighter (@counternarrat20) December 3, 2021
आपको बता दें, हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंदोलन कर रहे किसानों को राहत देते हुए तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी। लेकिन मोदी सरकार के इस ऐलान के बाद भी किसानों का आंदोलन अब भी जारी है। राकेश टिकैत और प्रदर्शनकारी किसान आंदोलन के दौरान मारे गए 700 से अधिक किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं साथ ही इनका कहना है कि तथा फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी दिए जाने की मांग कर रहे हैं।