मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई की मौद्रिक समिति (एमपीसी) की बैठक सोमवार 7 अप्रैल से मुंबई में होगी। बैठक के बाद बुधवार यानी 9 अप्रैल 2025 की तारीख को आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा इसमें हुए फैसलों की जानकारी देंगे। आरबीआई की एमपीसी की बैठक के नतीजों का लाखों लोगों को इंतजार रहता है। इसकी वजह रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और और कैश रिजर्व रेश्यो यानी सीआरआर पर लिया जाने वाला फैसला होता है। अगर आरबीआई की एमपीसी बैठक में रेपो रेट को कम करने का फैसला किया जाता है, तो कर्ज यानी लोन पर ब्याज की दरों में भी कमी आती है। पिछली बार आरबीआई की एमपीसी बैठक में रेपो रेट को 0.25 फीसदी कम करने का फैसला हुआ था। इस वजह से इस बार भी सबकी नजर इस पर होगी कि रेपो रेट को आरबीआई और घटाता है या नहीं।
अभी रेपो रेट 6.25 फीसदी है। साल 2023 से आरबीआई ने लगातार रेपो रेट को बढ़ाना जारी रखा था। इसकी वजह बढ़ती महंगाई थी। रेपो रेट 6.50 फीसदी तक पहुंच जाने के बाद लंबे समय तक इसे बरकरार रखा गया था। नतीजे में होम और कार लोन की ब्याज दरों में बैंकों ने कोई कटौती नहीं की थी। पिछली बार जब आरबीआई ने रेपो रेट घटाई, तो लोन पर ब्याज दरों में ज्यादा गिरावट देखने को नहीं मिली। ऐसे में अब अगर एमपीसी बैठक में आरबीआई रेपो रेट में और कटौती करता है, तो लोन यानी कर्ज लेने वालों को कम ब्याज दर की राहत मिलने की उम्मीद है। बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट में इससे पहले कहा गया था कि साल 2025 में आरबीआई रेपो रेट में कुल 0.75 फीसदी तक कमी कर सकता है।
रेपो रेट कम होने से महंगाई के बढ़ने की भी आशंका रहती है। इसकी वजह ये है कि रेपो रेट कम होने से बैंकों के पास ज्यादा पैसा होता है और वो लोगों के हाथ में भी पहुंचता है। इसकी वजह से चीजों की कीमत बढ़ने लगती है। दिसंबर 2024 के बाद से महंगाई थोड़ी कम हुई है, लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध और अब डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से टैरिफ युद्ध शुरू किए जाने के कारण मंदी की आशंका है और ऐसे में महंगाई के फिर बढ़ने के आसार बन सकते हैं। ऐसे में देखना होगा कि आरबीआई की एमपीसी की बैठक में रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर में कोई बदलाव किया जाता है या नहीं।