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कोरोना की लड़ाई में सबसे आगे कर्नाटक, रंग ला रही है येदियुरप्पा की मेहनत!

बेंगलुरु। कोरोना से लड़ाई में कर्नाटक सबसे आगे है। इसके लिए 78 साल के सीएम येदियुरप्पा की हर तरफ तारीफ हो रही है। यहां तक की विपक्ष के लोग भी उनकी सरहाना कर रहे हैं।

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में शनिवार की सुबह मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा सुबह के नाश्ते के लिए मशहूर मवाल्ली टिफिन रूम पहुंचे, जिसे लोग MTR के नाम से जानते हैं। येडियुरप्पा के साथ राजस्व मंत्री आर अशोका और बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या भी थे। यहां पहुंच कर ये सब लोगों तक संदेश पहुंचाना चाहते थे कि कोरोना वायरस के दौर में अगर आप पूरी सुरक्षा से निकलते हैं तो फिर आपको कोई खतरा नहीं है।

नीति आयोग ने की तारीफ

कुछ घंटों के बाद नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कोरना वायरस के संक्रमण के खिलाफ कर्नाटक की तरफ से उठाए जा रहे कदमों की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘अगर प्रति 10 लाख लोगों की बात की जाए तो दूसरे मेट्रो शहरों के मुकाबले बेंगलुरु में बेहद कम केस है। हर कन्फर्म केस के बाद यहां 47 कॉन्टैक्ट को ट्रेस किया गया, जबकि दिल्ली में ये संख्या सिर्फ 2.1 है। इतना ही नहीं कर्नाटक ने इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण वाले लोगों के भी बड़ी संख्या में कोरोना टेस्ट करवाये।’

कर्नाटक में कोरोना के मरीज कम

सरकार के आंकड़े दिखाते हैं कि दूसरे राज्यों के मुकाबले कर्नाटक ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए शानदार काम किया। शनिवार तक कर्नाटक में कोरोना के 6,516 मरीज थे. जबकि इस खतरनाक वायरस से राज्य में 79 लोगों की मौत हुई है। इतना ही नहीं अब तक 3,440 लोग ठीक भी हो चुके हैं। कर्नाटक में मौत की दर सिर्फ 1.2 है।

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