News Room Post

Uttar Pradesh: कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए योगी सरकार की कार्य योजना तैयार

yOGI aDITYANATH

नोएडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के खिलाफ युद्धस्तर पर और प्रभावी ढ़ंग से लड़ाई लड़ी जा रही है। यही वजह है कि राज्य में कोरोना के सक्रिय मामले तेजी से घट रहे हैं। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए हमारी कार्य योजना पूरी तरह से तैयार हैं। पूरी सावधानी के साथ हम काम कर रहे हैं। तीसरी लहर से मुकाबले के लिए खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, जिला अस्पतालों और मेडिकल कालेजों में समर्पित तौर पर आईसीयू बनाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

यह बातें उन्होंने आज फिल्म सिटी नोएडा में प्रमुख मीडिया संस्थानों के सम्पादकों और बाद में पत्रकार वार्ता में कहीं। उन्होंने संपादकों के सवालों के जवाब में कहा कि गांवों में हमें संक्रमण रोकना ही होगा। इसके लिए ट्रेस, टेस्टिंग और ट्रीट की रणनीति बनाई गई है। संक्रमित व्यक्ति की त्वरित पहचान कर अगर उसका त्वरित उपचार शुरू हो जाए, तो मामला क्रिटिकल नहीं होगा। इसलिए हम एंटीजन टेस्ट के साथ ही उन्हें मेडिकल किट दे रहे हैं। आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट भले ही बाद में आए, हम उपचार शुरू कर दे रहे हैं। मरीजों को वाहन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि अगर मरीज की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव है और उसमें कोरोना के लक्षण हैं, तो उनकी जांच के लिए डिजिटल एक्सरे करें।

आगे भी युद्धस्तर पर वैक्सिनेशन होगा

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में रोजाना औसतन 2.50 लाख लोगों की टेस्टिंग हो रही है। अब तक 4.5 करोड़ टेस्ट हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना की प्रथम लहर में हमने टीम 11 बनाकर प्रभावी नियंत्रण किया था, दूसरी लहर में टीम-9 बनाकर सबकी जवाबदेही तय की गई है। यही वजह है कि आज बीते 24 घंटे में पाजीटिव केस तकरीबन 10 हजार ही आए हैं। पहले संक्रमण का रेट 22 फीसद था, जो घटकर पांच फीसद हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1.50 करोड़ लोगों को हम वैक्सीन दे चुके हैं और आगे भी युद्धस्तर पर वैक्सिनेशन होगा। 45 साल से ऊपर के लोगों को भारत सरकार वैक्सिन उपलब्ध करा रही है। गौतमबुद्धनगर समेत 23 ऐसे जिले हैं, जहां 18 से 44 वर्ष की उम्र के लोगों को भी वैक्सिन दिया जा रहा है, जहां संक्रमण दर अन्य जिलों से ज्यादा है। इसके बाद हमारी तैयारी गांवों की है। हमने निर्देश दिया है कि गांवों में कामन सर्विस एरिया में वैक्सिनेशन का बंदोबस्त किया जाए, ताकि वहीं उनका पंजीकरण कर उनका वैक्सिनेशन किया जा सके। उन्हें दूर न जाना पड़े। इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि भीड़ न बढ़ने पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं स्वयं सात मई से फील्ड में हूं और मैंने वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, मथुरा, अलीगढ़ और गोरखपुर के गांवों में जाकर व्यवस्था का निरीणण किया है । आगे भी यह कार्यक्रम जारी रहेगा।

इंसेफेलाइटिस के अनुभवों से लाभ लेते हुए दिए निर्देश


एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम कोरोना की संभावित तीसरी लहर से मुकाबले की भी व्यापक तैयारी कर रहे हैं। प्रदेश में कई दशकों से इंसेफेलाइटिस का कहर था, हमारी सरकार ने इस पर 98 फीसद तक नियंतत्रण पा लिया है। उससे लड़ते समय हमने व्यापक कार्य योजना बनाई थी। हमारी कार्य योजना का नतीजा ही है कि पहले जहां इंसेफेलाइटिस से 1200 से 1500 बच्चों की मौत होती थी, वहीं विगत वर्ष 63 मौतें हुईं। इसी कार्य योजना के अनुभवों का लाभ लेते हुए हमने कोरोना की तीसरी लहर से खासकर बच्चों और महिलाओं को बचाने के लिए निर्देश दिए हैं। उनके लिए डेडिकेटेड अस्पताल और आईसीयू बनाए जाने के निर्देश दे दिए गए हैं। समन्वय समिति बनाई है, जो ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों में मिलकर काम करती है।

नोएडा दिल्ली से सटा हुआ, ऑक्सीजन की कमी न होने पाए


उन्होंने कहा कि पोस्ट कोविड में ब्लैक फंगस की समस्या आई है, हमने एडवाइजरी जारी की है। इसे रोकने के लिए कार्य योजना बनाई गई है। सीएमओ, मेडिकल कालेज और जिला अस्पतालों को एडवाइजरी भेजी है। ब्लैक फंगस को लेकर ट्रेनिंग भी दी जा रही है। उन्होंने नोएडा का जिक्र करते हुए कहा कि 27 अप्रैल को जहां 10 हजार से अधिक केस थे, वहीं आज 400 से भी कम हैं। पूरे प्रदेश में एक्टिव मामलों की संख्या बीते 24 घंटे में घटकर 1.63 लाख रह गई है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि नोएडा दिल्ली से सटा हुआ है। वहां से आवागमन होता है। ऐसे में प्रशासन से कहा गया है कि मरीजों को आक्सीजन की कमी न होने पाए।

Exit mobile version