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निमोनिया पर प्रहार के लिए योगी सरकार की जबरदस्त तैयारी, जिलों में आशा व एएनएम को मिलेगा प्रशिक्षण

Yogi adityanath

लखनऊ। वैश्विक महामारी के साथ ही योगी सरकार ने अब प्रदेश में निमोनिया पर प्रहार करने का एक मजबूत खाका तैयार किया है। देश भर में निमोनिया और डायरिया से बच्‍चों की जान चली जाती है। हर साल कई बच्‍चे इसकी चपेट में आते हैं। ऐसे में सर्वाधिक आबादी वाले उत्‍तर प्रदेश में इस बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए राज्‍य सरकार ने तैयारी कर ली है। प्रदेश में निमोनिया पर प्रहार के लिए सांस अभियान की शुरूआत की जाएगी। इस माह के अंत तक इस विशेष अभियान को युद्ध स्‍तर पर प्रत्‍येक जनपदों में चलाया जाएगा।

योगी सरकार ने समय रहते उठाए ठोस कदम

नेशनल हेल्थ मिशन के बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जीएम डॉ वेद प्रकाश ने बताया कि योगी सरकार ने प्रदेश के बच्‍चों को निमोनिया से बचाने के लिए न्‍यूमो कोकल वैक्‍सीनेशन अभियान को शुरू किया। इसके साथ ही बच्‍चों को डायरिया से बचाने के लिए रोटावायरस वैक्‍सीन की डोज भी दी जा रही है। इन दोनों के ही बेहतर परिणाम सभी को देखने को मिल रहे हैं। सरकार निमोनिया को जड़ से खत्म करने के लिए सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रेलाइज निमोनिया सक्सेसफुल (सांस) अभियान शुरू करने की तैयारी में है। जिससे प्रदेश को दोनों बीमारियों से निपटने में बड़ी राहत मिलेगी।

मास्‍टर ट्रेनर देंगे जिलों में प्रशिक्षण

डॉ वेद प्रकाश के मुताबिक प्रदेश स्‍तर पर स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण पूरा हो गया है। जिसमें प्रदेश के 200 मास्टर ट्रेनर ट्रेनिंग ले चुके हैं। अब यह मास्‍टर ट्रेनर जिलों में आशा व एएनएम को प्रशिक्षण देंगे। अप्रैल आखिरी तक सांस अभियान के तहत बच्चों को इलाज मिलने लगेगा।

लक्षण होते ही गांव में आशा-एएनएम देंगी डोज

प्रदेश में अब आशा-एएनएम बच्चे के जन्म के 42 दिन तक सात बार घर का विजिट करेंगी। इस दौरान एएनएम-आशा बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगी। यह हेल्थ वर्कर बच्चे में निमोनिया के लक्षण मिलने पर तत्काल प्राथमिक उपचार करेंगी। इसका प्रोटोकॉल तैयार कर दिया गया है। प्रोटोकॉल में सिरप, इंजेक्शन आदि को शामिल किया गया है। वहीं गंभीर लक्षण होने पर बच्चे को सीएचसी या जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाएगा। समय पर इलाज मिलने पर बच्चों की असमय होने वाली मौतों पर कमी आएगी।

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