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Action Unveiled: यूपी में जानवरों को आवारा छोड़ने वालों की अब खैर नहीं, पुलिस के जरिए योगी सरकार ऐसे लोगों को करेगी ठीक

stray cattle

लखनऊ। यूपी में बीते दिनों हुए विधानसभा चुनाव में आवारा जानवर बड़ा मुद्दा बने थे। विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर बीजेपी को घेरा था। विपक्ष ने कहा था कि आवारा जानवरों की वजह से किसानों के खेत बर्बाद हो रहे हैं। इस पर एक जनसभा में खुद पीएम नरेंद्र मोदी को कहना पड़ा था कि सरकार बनने पर आवारा जानवरों से लोगों को निजात दिलाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। अब ऐसा कदम योगी सरकार उठाने जा रही है। सरकार ने कहा है कि जो भी लोग अपने जानवरों को आवारा छोड़ेंगे, उनके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज कराया जाएगा और सख्त कार्रवाई होगी।

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सोमवार को योगी सरकार के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि कसाई और किसान में अंतर है। सरकार किसानों का ध्यान रखेगी, लेकिन कसाइयों को नहीं छोड़ेगी। सपा विधायक अवधेश प्रसाद के सवाल पर मंत्री ने कहा कि पशुओं को आवारा छोड़ने वालों पर पशु क्रूरता रोकथाम एक्ट के तहत केस दर्ज कराएंगे। सपा विधायक ने सरकार से पूछा था कि आवारा पशुओं की समस्या को लेकर योजना और इनकी वजह से मृत लोगों के परिजनों को मुआवजा देने के बारे में पूछा था।

मंत्री ने सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि हर कोई जानता है कि जानवरों को आवारा कौन छोड़ता है। जब तक गाय दूध देती है, उसे रखते हैं और दूध देना बंद करने पर उनको छोड़ दिया जाता है। मंत्री ने विधानसभा में जानकारी दी कि इस साल 15 मी तक यूपी में 6187 गौ आश्रय केंद्र बने हैं। इनमें 838015 पशुओं को रखा गया है। यूपी में पहली बार सरकार बनने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने साल 2017 में अवैध बूचड़खाने बंद कर दिए थे। इसके बाद काफी हो हल्ला भी मचा था, लेकिन सीएम योगी अपने फैसले से टस से मस नहीं हुए थे। यूपी में अब भी ऐसे अवैध बूचड़खाने बंद हैं। विपक्ष का कहना है कि बूचड़खाने बंद होने से ही आवारा पशुओं की तादाद सड़कों और खेतों में बढ़ी है।

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