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Supreme Court: आप सहानुभूति के काबिल नहीं, आपने धोखा किया है.. आम्रपाली ग्रुप के पूर्व CMD अनिल शर्मा की याचिका SC ने की ख़ारिज

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नई दिल्ली। हजारों घरों के खरीददारों के साथ धोखाधड़ी के मामले में आम्रपाली ग्रुप के पूर्व सीएमडी अनिल कुमार शर्मा की जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ शब्दों में अनिल कुमार शर्मा के धोखाधड़ी को गैर जायज ठहराते हुए कहा कि आप हजारों लोगों के साथ दगाबाजी करने की वजह से इस काबिल नहीं बचे कि कोर्ट आपको आपके इस कृत्य के लिए माफ़ कर दे। लोगों की मेहनत की कमाई को आपने धोके से ठगने का काम किया है। आपने घर खरीदने का सपना देख रहे लोगों के साथ स्पष्ट धोका किया है। आप किसी तरह की सहानुभूति के काबिल नहीं हैं। इस मामले पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने अनिल कुमार शर्मा की जमानत याचिका को सिरे से नकार दिया है। इसके साथ ही अनिल शर्मा की उस मांग को भी ठुकरा दिया जिसमें उन्होंने जांच एजेंसी को कोई निर्देश देने की सुप्रीम कोर्ट के सामने अपील की थी।

खरीददारों की मेहनत की कमाई का अन्यत्र निवेश

खरीददारों की मेहनत की गाढ़ी कमाई को अपने फायदे के लिए दूसरी जगह निवेश करने के लिए कोर्ट ने अनिल कुमार शर्मा को जोरदार फटकार लगाई, कोर्ट ने अनिल कुमार शर्मा को धोकेबाज बताया। कोर्ट ने किसी तरह की सहानुभूति दिखाने से इंकार कर दिया। जानकारी के लिए आपको बता दें कि फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ था कि आम्रपाली ग्रुप के निदेशकों ने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की। उनके पैसों को दूसरी जगह निवेश कर उनको उनका घर नहीं सौंपा गया। इस रिपोर्ट में हुए खुलासे के बाद आम्रपाली ग्रुप के पूर्व सीएमडी और ग्रुप के अन्य निदेशकों को वर्ष 2018 में अरेस्ट किया गया था।

लोगों के साथ विश्वासघात

कोर्ट के मुताबिक अनिल कुमार शर्मा के आम्रपाली ग्रुप के निदेशकों ने जो ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी की है वो कोई सामान्य धोखाधड़ी की श्रेणी में नहीं आती हैं बल्कि लोगों के विश्वास के साथ खिलवाड़ किया गया। कोर्ट ने जमानत की याचिका को ख़ारिज करते हुए ये भी स्पष्ट किया कि इस अपराध की जड़ें काफी गहराई तक जाती हैं, इसके चलते अदालत को इसे सुलझाने में काफी प्रॉब्लम आ रही है। हजारों ग्राहकों के साथ अपने घर के सपने को एक स्कैम में बदलना बड़ा जुर्म है। बता दें कि आम्रपाली ग्रुप के निदेशक बीते करीब चार वर्षों से जेल की हवा खा रहे हैं।

 

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