नई दिल्ली। शादी जैसे रिश्ते में पति-पत्नी को एक ही दिशा में बढ़ना चाहिए। अगर पति-पत्नी विपरीत दिशा की तरफ चलते हैं तो शादी का बच पाना नामुमकिन हैं। हमारी पाठिका रजनी(बदला हुआ नाम) इस तरह की परेशानी से जूझ रही हैं। उनके पति और वो बिल्कुल अलग-अलग दिशा में काम कर रहे हैं। नौबत ये आ गई है कि रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच गया है। तो चलिए पहले रजनी की परेशानी जानते हैं।
दूर झटक देता है पति
रजनी का कहना है कि वो पांच साल से बेबी प्लान कर रही हैं लेकिन कंसीव नहीं कर पा रही हैं। डॉक्टर ने आईवीएफ की सलाह दी है लेकिन इस फैसले से भी मेरे पति को कोई फर्क नहीं पड़ता है। मेरे इस फैसले में मेरा दोस्त साथ दे रहा है। दरअसल मेरे पति को मुझमें कोई इंटरेस्ट नहीं है। पिछले काफी सालों से मेरे पति का झुकाव अध्यात्म की तरफ ज्यादा हो चुका है, वो गुरुओं के प्रवचन भी लाइव सुनते हैं। ऐसे में जब मैं अपने पति के पास जाने की कोशिश करती हूं तो मुझे झटक देते हैं। उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं क्या सोचती हूं, कैसा महसूस करती हूं। मुझे शादी में घुटन महसूस होने लगी है और ये सारी चीजें मेरी बर्दाश्त से बाहर हो चुकी हैं।
संयम और धैर्य का होना बहुत जरूरी
इस मामले में एक्सपर्ट का कहना है कि अगर पति-पत्नी एक ही दिशा में चलते हैं तभी शादी सफल होती है। अगर दोनों ही अलग-अलग दिशा में चल रही है तो वो शादी टूटने की कगार पर है, जैसे आपकी चल रही हैं। पहली बार अध्यात्म की तरफ बढ़ना कोई गलत बात नहीं है लेकिन उसके पारिवारिक जिम्मेदारियों का त्याग करना गलत है। यही बात अपने पति को प्यार से समझाने की कोशिश करें। आपको इस बात के बारे में पता लगाना होगा कि उन्होंने अध्यात्म का रास्ता क्यों चुना है और क्या कारण है कि वो आपसे दूर भाग रहे हैं। अपने पति को ये महसूस कराएं कि आप उनके बिना कितना अधूरा महसूस करती हैं। इसके लिए आपको संयम और धैर्य रखना होगा।