News Room Post

Herstory Book Review: वर्तमान में स्त्रियों की विडंबना को बारीकी से सामने रखती पुस्तक

Herstory Book

“कौन है यह रूपमती?”
व्यर्थ ही नहीं रोती है यह-देखो तो
इसकी आंखो से गिरे
एक-एक आँसू के साथ
बहने लग जाती हैं अश्रुधार
तीन नेत्र-युग्मो से
तीनों शिशु शीश
झुक जाते हैं करुणा से।
बहुत,बहुत पुरानी
कहानी है यह,
दुखी सीता की
बीते हुए युग से
जिसने आह्वान किया,
वह गीत
गाया एक माँ ने। ”
कविता की ये कुछ पंक्तियाँ हैं अंग्रेजी की अमर भारतीय कवयित्री तोरू दत्त की अविस्मरणीय अंग्रेजी कविता ‘सीता’ की।अंग्रेजी के भारतीय कवियों में हेनरी डेरोजियो,काशी प्रसाद घोष और माइकेल मधुसूदन दत्त का नाम उल्लेखनीय है। इनके बाद आयीं तोरू दत्त। तोरू दत्त के बाद अंग्रेजी में भारत की सबसे बड़ी कवयित्री हुईं सरोजिनी नायडू।
तोरू दत्त ने सफलतापूर्वक प्राचीन भारतीय मिथकों को अपनी अंग्रेजी कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया। एक वाक्य में उनकी कविता के बारे में कहा जा सकता है कि,”कथ्य में आँसुओ का संस्पर्श!”

अंग्रेजी की युवा कवयित्री नेहा बंसल अपनी कविताओं में तोरू दत्त की धारा की एक भावमय विस्तार हैं। भारतीय मिथकों को जिस करुणा और अनुराग से वह अपनी कविताओं में सहेजती हैं,वह अद्भुत है।

साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित उनके कविता संग्रह ‘हरस्टोरी’ की समस्त 39 कविताएँ दरअसल उन स्त्रियों की कथा है,जिनके हर्ष से भरे मधु-पात्र को दुख और शोक के रेत में उड़ेल दिया गया। जिनकी आशा की टहनियों को नोच लिया गया। जिनके पंख को काट लिया गया और आजतक उनके कटे पंख रिस रहे हैं। प्राचीन भारतीय मिथकों के जरिये नेहा आज की स्त्री की विडम्बना को बहुत सूक्ष्मता से सामने रख देती हैं। उनके कविता संग्रह की पहली कविता ‘द फाल आव द्रौपदी’ ऐसी ही एक अद्वितीय कविता है। ‘महाभारत’ के कई पात्र मसलन दुर्योधन,कृष्ण,भीष्म,कीचक और कर्ण हमारे समाज में आज भी हैं। इसी तरह नेहा की कविता ‘लव सौन्ग आव हिडिम्बी’!कैसे हिडिम्बा और उससे हुए अपने पुत्र को छोड़ भीम उदास रक्तिम नेत्रों के संग छोड़ने को विवश हैं;क्योंकि वह क्षत्रिय नहीं है। इसी तरह एक कविता शापित अहल्या पर!लक्ष्मण के हाथों नाक गँवा चुकी शूर्पनखा पर!रावण की दग्ध-दुखी पत्नी ‘मंदोदरी’ की कविता। ‘हरस्टोरी’ में नेहा युग-युग की स्त्रियों से मुखातिब होते हुए वर्तमान को परखती हैं। मसलन–‘द पारामीटर आव ब्यूटी’, ‘पोस्टमार्टम ब्लूज़’, ‘द अनवेड मदर’, ‘द विचारधारा हंट’ और ‘द एसिड एटैक’ सरीखी तीक्ष्ण मार्मिक कविताएँ!संग्रह की अंतिम कविता ‘बैंगल्स’ विधवा स्त्रियों के सूनेपन से दग्ध है। Neha Bansal ने अपनी भूमिका में ठीक ही लिखा है कि-“इफ़ हिस्ट्री इज अ स्टोरी आव मैनकाइण्ड,हरस्टोरी इज़ द स्टोरी आव वुमेनकाइण्ड!”

Exit mobile version