नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौरान हमने देखा जब सभी लोग स्वार्थी हो गए थे। सभी को केवल अपनी जान की परवाह थी। उस समय कई समाज सेवक अपनी जान की परवाह किए बिना अपना कर्तव्य निभाने में लगे थे। उन्हीं समाज सेवकों में से एक नर्स, जिन्होंने मरीजों की सेवा में दिन-रात नहीं देखा। आज विश्व की सभी नर्सों को समर्पित अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस है। ये उत्सव हर वर्ष 12 मई को सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत सभी नर्सों को समाज में उनके परिश्रम और सेवा को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन को मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई? आइये जानते हैं इसकी कुछ मुख्य बातें…
आज आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक मानी जाने वाली फेलोरिंस नाइटिंगेल का जन्मदिन होता है। इसलिए उनके जन्मदिवस को इंटरनेशनल नर्स डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को सेलिब्रेट करने की शुरुआत 1974 से हुई थी। फ्लोरेंस नाइटिंगेल केवल एक नर्स ही नहीं थी वो एक समाज सुधारक भी थीं। नाइटिंगेल को ‘द लेडी विद द लैंप’ के नाम से भी पुकारा जाता है। इसका कारण ये है कि उन्होंने दिन-रात की परवाह किए बिना घायल सैनिकों की देखभाल की थी। फ्लोरेंस रात के अंधेरे में एक लालटेन की सहायता से चारो तरफ घूम-घूम कर मरीजों की सेवा और उनकी देखभाल करती थीं। नाइटिंगेल के इसी त्याग और समर्पण को याद करने और उन्हें सम्मानित करने के उद्देश्य से इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेस ने उनके जन्मदिवस को इंटरनेशनल नर्स डे के रूप में मनाने का फैसला लिया।
इंटरनेशनल नर्सेस डे 2022 की थीम
इस दिन को हर साल एक थीम के अन्तर्गत मनाया जाता है, जो इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेस तय करती है। इस बार इंटरनेशनल नर्सेस डे 2022 की थीम ‘Nurses: A Voice to Lead- Invest in Nursing and respect rights to secure global health’ नर्सेस: नेतृत्व के लिए एक आवाज – नर्सिंग में निवेश करें और ग्लोबल हेल्थ को सुरक्षित रखने के अधिकारों का सम्मान करें, रखी गई है।