नई दिल्ली। आज यानी रविवार को डॉटर्स डे (Daughter’s Day 2020) है। हर साल सितंबर महीने के के चौथे रविवार को डॉटर्स डे मनाया जाता है। इस बार यह 27 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन लोग अपनी बेटियों को उपहार देते हैं और उनके साथ मसय बीताते है। इस दिन को भारत समेत दुनिया के कई देशों में धूमधाम से मनाया जाता है। जिस प्रकार से हम मदर डे या फादर्स डे अपने माता पिता को सम्मान देने के लिए मनाते हैं उसी प्रकार से बेटियों को सम्मान (Honor to Daughters) देने के लिए डाटर्स डे मनाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ये दें क्यों मनाया जाता है? अगर नहीं तो इस लेख में आगे आप पढ़ सकते हैं कि ये दिन क्यों मनाया जाता है और इसका इतिहास क्या है।
डाटर्स डे का इतिहास
बेटियों के लिए खास दिन की जरूरत इसलिए हुई क्योंकि हमारे समाज में आज भी बेटियों को कमतर आंका जाता है। धीरे-धीरे डॉटर्स डे मनाने का ट्रेंड बढ़ा और इससे यह बात सामने आती है कि वक्त बदल रहा है। लोग बेटियों के होने की खुशी को सेलिब्रेट कर रहे हैं और परिवार के लोग बेटियों के साथ मिलकर इस दिन को एंजॉय करते हैं। संडे को यह दिन होने का महत्व इसलिए भी है क्योंकि छुट्टी होने के चलते बेटियों को पैरंट्स के साथ अच्छा वक्त बिताने का मौका मिलता है।
डॉटर्स डे का महत्व
भारत में बेटियों को लेकर एक खास रूढ़िवादी सोच रही है। बड़े शहरों मे तो यह सोच काफी बदली है लेकिन छोटे शहरों में अभी भी लोग बेटियों को खास तवज्जो नहीं देते। इसी रूढ़िवादी सोच को मिटाने के लिए भारत में डाटर्स डे मनाना शुरू किया गया। इस दिन को बनाने का उद्देश्य यह है लोगों के मन से यह भ्रांति दूर की जाए कि बेटी बोझ है। हालांकि यह निर्धारित नहीं है भारत में किस साल से डाटर्स डे मनाने की शुरुआत की गई। डाटर्स डे के माध्यम से लोगों को यह याद करने का मौका होता है कि बेटियां उनके लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं।