नई दिल्ली। प्रपोज डे के बाद आने वाले वैलेंटाइन वीक (Valentine Week)के तीसरे दिन यानी 9 फरवरी को चॉकलेट डे के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन प्रेमी-प्रेमिका एक दूसरे को चॉकलेट गिफ्ट करके अपनी फीलिंग्स शेयर करते हैं। वैलेंटाइन वीक शुरू होने से पहले ही बाजार में तरह-तरह के फ्लेवर और सजावट वाली चॉकलेट मिलनी शुरू हो जाती है, जिसे देखकर ही मुंह में पानी आ जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर चॉकलेट डे मनाने का उद्देश्य क्या था और इसका इतिहास क्या था? तो आइये जानते हैं कैसे हुई इस दिन की शुरुआत-
कैसे हुई चॉकलेट डे की शुरुआत?
चॉकलेट डे को पहली बार वैलेंटाइन से 6 दिन पहले संत वैलेंटाइन को याद करते हुए मनाया गया। इस दिन एक दावत रखी गई, जिसमें चॉकलेट को भी शामिल किया गया और अन्य कई संतो को भी वैलेंटाइन कहा गया। उस दिन के बाद से हर साल संत वैलेंटाइन को याद करते हुए इसे चॉकलेट डे के रूप में मनाया जाने लगा। प्रपोज डे के ठीक दूसरे दिन अपने पार्टनर को चॉकलेट गिफ्ट के तौर पर देकर उसे खुश किया जाने लगा। इससे कहीं न कहीं प्रेम के इन सौदागरों को बिना जाहिर किए संत वैलेंटाइन घोषित करने की मंशा भी पूरी होती है।
इसके अलावा वैसे भी चॉकलेट सेहत के लिए काफी अच्छी होती है और इसे किसी भी उम्र के लोग खा सकते हैं। चॉकलेट में कई एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो आपके ब्लड फ्लो, हार्ट और स्किन के लिए काफी फायदेमंद होती है।
चॉकलेट खाने से मूड भी अच्छा होता है। तो जो भी लोग आपके करीब हैं और आप उनके शुभचिंतक हैं तो उन्हें चॉकलेट डे के बहाने चॉकलेट गिफ्ट करना न भूलें। वैसे सामान्य दिनों में भी अपने प्रियजनों को समय-समय पर छोटी-छोटी सफलताओं और खुशियों को सेलिब्रेट करने के बहाने चॉकलेट गिफ्ट करते रहें, इससे आपके प्रियजनों को खुशी तो मिलेगी ही साथ ही उनकी सेहत भी अच्छी रहेगी।