News Room Post

International Women’s Day 2020: 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है महिला दिवस?

आज पूरी दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है। महिलाओं को अलग-अलग तरीके से बधाई दी जा रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है और ये मनाना कब शुरू हुआ? आखिर क्यों सालों से दुनियाभर के लोग आज के दिन महिला दिवस मनाते आ रहे हैं।

ऐसे शुरु हुआ महिला दिवस

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक मजदूर आंदोलन से उपजा है। इसकी शुरुआत साल 1908 में हुआ था जब 15 हजार औरतों ने न्यूयॉर्क शहर में मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटों की मांग की थी। इसके अलावा उनकी मांग थी कि उन्हें बेहतर वेतन दिया जाए और मतदान करने का अधिकार भी दिया जाए। एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमरीका ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया।

दरअसल क्लारा जेटकिन ने 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी औरतों की एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के दौरान अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव दिया। उस वक्त कॉन्फ्रेंस में 17 देशों की 100 औरतें मौजूद थीं। उन सभी ने इस सुझाव का समर्थन किया। सबसे पहले साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था। लेकिन तकनीकी तौर पर इस साल हम 107वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं। 1975 में महिला दिवस को आधिकारिक मान्यता उस वक्त दी गई थी जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे वार्षिक तौर पर एक थीम के साथ मनाना शुरू किया।

8 मार्च को क्यों महिला दिवस

ये सवाल तो आपके जहन में भी उठता ही होगा कि आखिर 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है? दरअसल, क्लारा जेटकिन ने महिला दिवस मनाने के लिए कोई तारीख पक्की नहीं की थी। 1917 में युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने ‘ब्रेड एंड पीस’ (यानी खाना और शांति) की मांग की। महिलाओं की हड़ताल ने वहां के सम्राट निकोलस को पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया और अंतरिम सरकार ने महिलाओं को मतदान का अधिकार दे दिया। उस समय रूस में जूलियन कैलेंडर का प्रयोग होता था। जिस दिन महिलाओं ने यह हड़ताल शुरू की थी वो तारीख 23 फरवरी थी। ग्रेगेरियन कैलेंडर में यह दिन 8 मार्च था और उसी के बाद

Exit mobile version