नई दिल्ली। पोइला बैसाख बंगालियों का नव वर्ष होता हैं, यह हर साल 15 अप्रैल को मनाई जाती हैं। इसे बंगाली समुदाय काफी धूमधाम से मनाता हैं। हर साल इस पर्व को बंगाली समुदाय जश्न के रूप में मनाते हैं। पोइला बैसाख बंगाली समुदाय के लिए खास त्योहार में से एक माना जाता हैं। इस दिन ये लोग नए कपड़े पहन कर एक दूसरे के साथ घूमते हैं, एन्जॉय करते हैं। परिवार और दोस्तों के साथ अच्छे-अच्छे व्यंजन का मजा लिया जाता हैं। पोइला बैसाख के दिन लोगों के घर सुख-समृद्धि और लक्ष्मी का वास होता हैं। चलिए जानते हैं इस दिन को मनाने का महत्व और पूजा करने की विधि-
पोइला बैसाख का महत्व
पोइला बैसाख पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम के बंगाली समुदायों द्वारा सेलिब्रेट किया जाता हैं। इस दिन घर पर महिलाएं अच्छे-अच्छे व्यंजन बनाती हैं और अच्छे से नहाकर साफ सुथरे वस्त्र पहन कर पूजा करती हैं। इस दिन प्रियजन एक दूसरे को मिठाई खिलाकर उनसे गले मिलकर उन्हें शुभो नोबो बोर्शो कहते हैं। शुभो नोबो बोर्शो मतल नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। इस दिन लोग देवी-देवताओं को याद कर उनका आशीर्वाद लेते हैं। पोइला बैसाख पर पूजा करने का बहुत महत्व हैं ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस दिन पूजा करने के लिए किन बातों का ध्यान रखा जाता हैं।
पूजा करने की विधि
- इस दिन नदी या गंगा जी में पवित्र स्नान किया जाता हैं।
- परिवार के साथ सूर्योदय को प्रणाम करते हैं।
- इस दिन लोग घर की अच्छे से साफ-सफाई करके उसके बाद घर और गेट को फूलों से सजाते हैं।
- भगवान गणेश और मां लक्ष्मी का पूजन होता हैं।
- इसके बाद नए रत्न को पहना जाता हैं।
- भगवान को मिठाई भी चढ़ाई जाती हैं।