नई दिल्ली। आज नेशनल ग्रैंड पेरेंट्स डे (National Grand Parent’s Day) है। हम आज आपको इसका महत्त्व (Importance) बताएंगे और साथ ही ये भी बताएंगे कि इस दिन को क्यों मनाया जाता है।
हर कोई अपने मां-बाप को प्यार करता है लेकिन दादा-दादी से रिश्ता और लगाव ज्यादा होता है। ग्रैंड पेरेंट्स के पास हर एक दुविधा का इलाज होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योकि उनके पास कम से कम 100 या फिर 90 साल के जीवन का तजुर्बा होता है।
इसके अलावा हमारे ग्रैंड पेरेंट्स अपनी जिंदगी में हर तरह के लोगो से मिले होते है और इसलिए वह एक ही बार में सामने वाले की शकल देखकर उसकी नियत को समझ सकते है। शायद इसीलिए यह भी कहा जाता है की बड़े बुजर्गो का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज होता है। और वैसे भी इनके बाल तजुर्बे से ही सफेद है गए होते है।
कहा जाता है कि घर में बड़े बुजर्गो का रहना जरुरी होता है क्योकि जो ज्ञान का पिटारा उनके पास होता है वो दुनिया में किसी के पास नहीं होता है। ये एकदम सही बात है। क्योंकि वो हमें हर परेशानी से बचाते हैं।
क्यों मनाया जाता है ये दिन
अमेरिका में मैरियन मैकुडे नाम की एक दादी रहीं थी, जिनके 43 ग्रैंडचिल्ड्रन थे। वे चाहती थीं कि ग्रैंड पैरेंट़्स और ग्रैंड चिल्ड्रन की बीच संबंध अच्छे हों, वे साथ में समय बिताएं, इसके लिए उन्होंने 1970 में एक अभियान छेड़ा। वे इस दिन को नेशनल हॉलीडे बनाना चाहती थीं, ताकि सभी बच्चे अपने दादा-दादी, नाना-नानी के साथ समय बिताएं और उनके बीच जनरेशन गैप खत्म हो। 9 साल तक उन्होंने ये अभिायान चलाया, जिसके अमेरिका के तत्कालीन प्रेसिडेंट जिमी कार्टर ने 1979 को 1 अक्टूबर के दिन ग्रैंड पैरेंट्स डे घोषित किया। सबसे पहले एज यूके नाम की एक चैरिटी ने 1990 में ग्रैंड पैरेंट्स डे मनाया था।