News Room Post

Travel: बरसाने में स्थित इस मंदिर में मां की गोद में खेलती हैं राधा-रानी, जरूर देखने जाएं वास्तुकला का ये अद्भुत नमूना

नई दिल्ली। कृष्ण जन्माष्टमी के ठीक 15 दिन बाद राधा अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल राधाष्टमी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जो आज है। राधारानी के जन्मोत्सव के रूप में मनाए जाने वाले इस पर्व पर मथुरा को जन्माष्टमी के जैसे ही सजाया जाता है। इस अवसर पर हम आपको उनके गांव बरसाना में स्थित कीर्ति मंदिर के बारे  बताने जा रहे हैं। वास्तुकला के इस अद्भुत नमूने के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। तो आइए आपको बताते हैं कि इस मंदिर की खासियत क्या है… ब्रज में स्थित राधारानी के कई मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध बरसाना का मंदिर है, जो देवी राधा और उनकी मां कीर्ति को समर्पित है। ये मंदिर दुनिया का अकेला ऐसा मंदिर है, जहां राधा-रानी मां की गोद में विराजती हैं। मंदिर के गर्भगृह के दरवाजे की दोनों ओर अष्ट सखियां राधा के बाल स्वरूप को निहारती नजर आती हैं। यहां राधा के जीवन से जुड़ी विभिन्न झांकियां भी देखने को मिलती हैं। यहां कहीं पर श्री कृष्ण राधा-रानी को झूला झुलाते नजर आते हैं तो कहीं पर वो सखियों के साथ रास रचाते दिखाई देते हैं।

ये मनमोहक झांकी वहां आने वाले पर्यटकों का खास आकर्षण केंद्र है। इसके इतिहास की बात करें तो कीर्ति मंदिर की आधारशिला साल 2006 में जगदगुरु कृपालु महाराज ने रखी थी। उनके देह त्याग के बाद उनकी तीन पुत्रियों ने इस मंदिर के निर्माण का कार्य पूरा कराया था। करीब 13,200 वर्ग फीट में फैले इस मंदिर के गुंबद में 25 स्वर्ण कलश लगाए गए हैं। कीर्ति मंदिर के निर्माण में 12 साल का समय लगा था, और इसे 500 मजदूरों ने बनाया था। मंदिर की छत पर इटेलियन मार्बल लगाया गया है।

मथुरा से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित बरसाना में आप सरकारी बस और टैक्सी के जरिए जा सकते हैं। इसके अलावा मथुरा के लिए देशभर से ट्रेन मिलती हैं। इसके बाद बस या टैक्सी द्वारा आसानी से मथुरा पहुंचा जा सकता है।

Exit mobile version