नई दिल्ली। भारत में करीब 275 प्रजातियां सांपों की पाई जाती है, जिसमें कुछ के काटने से सेकंड में मौत हो जाती है, जबकि कुछ का जहर तड़पा-तड़पा कर मारता है। ज्यादातर सांप काट कर अपना शिकार करते हैं लेकिन कुछ सांप अपने नथुनों से अपने शिकार पर जहर धूक कर अंधा कर देते हैं। आप सोच रहे हैं कि आज हम सांपों की बात क्यों कर रहे हैं।दरअसल बिग बॉस कंटेस्टेंट एल्विश यादव के केस में एफएसएल की रिपोर्ट आ गई है,जिसमें नशे के तौर पर सांप का जहर लेने की पुष्टि हुई है। रेव पार्टियों में सांप का जहर लेने का चलन बढ़ गया है लेकिन जहां एक तरफ लोग सांप का जहर जबरदस्ती ले रहे हैं और उसका दुरप्रयोग कर रहे हैं, वहीं इन सांपों का जहर कई लोगों की जान बचाता है।
सांपों के जहर का इस्तेमाल घातक रोगों से लड़ने के लिए दवाइयां बनाने में किया जाता है। हमारे वैज्ञानिक लगातार सांपों के जहर को लेकर अध्ययन कर रहे हैं। दिल की बीमारियों से लड़ने की दवा में सांप के जहर का पहले से होता आया है।इसके अलावा ब्लड प्रेशर, कैंसर, अल्जाइमर जैसे रोगों के लिए दवा बनाने में सांपों के जहर का इस्तेमाल होता है। जब किसी को दिल के दौरे और हार्ट फेल होता है तो बचाव के लिए सांप के जहर से बनी दवा ही दी जाती है।
जराराका पिट वाइपर सांप के जहर के गुण
बीबीसी की एक रिपोर्ट की मानें तो जराराका पिट वाइपर सांप के जहर से सबसे ज्यादा दवाएं बनती हैं। ये सांप हरे रंग का होता है और सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में पेड़ पर पाया जाता है। इसके काटने का इंसान का बचना बहुत मुश्किल है लेकिन इसी का जहर कई घातक बीमारियों की दवा बनाता है।
रैटल स्नेक के जहर के गुण
वहीं रैटल स्नैक का जहर वैसे तो जानलेवा है लेकिन उसके जहर का इस्तेमाल कैंसर से लड़ने के लिए किया जाता है। वैज्ञानिक इस पर कई शोध कर चुके हैं और अभी भी तक चुके हैं। रैटल सांप के अंदर क्रोटोक्सिन पाया जाता है जो दवा का काम करता है। इतना ही नहीं वैज्ञानिकों ने सांपों पर कोरोना का असर सबसे कम देखा था और अपनी रिसर्च में दावा किया था कि कुछ सांप कोरोना से बचाव में मदद कर सकते हैं।
ब्लैक मांबा सांप के जहर के गुण
ब्लैक मांबा सांप भी काफी जहरीला होता है लेकिन इसका जहर दवा भी है। अभी इस पर शोध जारी है लेकिन माना गया है कि इसका जहर पार्किंसन और अल्जाइमर बीमारी से लड़ने में कारगर है।
पिट वाइपर सांप के जहर के गुण
पिट वाइपर सांप का जहर भी बीपी में काम आता है। इसके अलावा भी इससे कई दवाइयों को लेकर शोध जारी है।