News Room Post

Relationship: युवाओं में बढ़ रहा है वीकेंड मैरिज का ट्रेंड, जानें कैसे बाकी शादियों से अलग है ये मैरिज और इसके कानून भी…

नई दिल्ली। भारतीय समाज में शादी को सबसे जरूरी काम माना जाता है। माता-पिता का मानना होता है कि अगर बच्चों की शादी हो गई तो गंगा नहा लिए। अभी तक हम सभी ने अरेंज मैरिज, लव मैरिज, कोर्ट मैरिज या लव इन रिलेशनशिप के बारे में सुना है लेकिन अब वैश्विक स्तर पर वीकेंड मैरिज का चलन भी देखने को मिल रहा है। ये शादी बाकी शादियों से काफी अलग है और इसके लिए अलग से कानून भी बनाए गए हैं। तो चलिए जानते हैं इस शादी के बारे में, और इसके लिए बने कानूनों के बारे में भी।

क्यों होती है वीकेंड मैरिज

वीकेंड मैरिज का चलन ज्यादातर ईस्ट एशिया के देशों में देखा जा रहा है। सबसे ज्यादा इसका असर जापान में देखा जा रहा है। जापान में वीकेंड मैरिज के लिए नियम और कानून भी बनाए गए हैं। जापान में लोग अपने करियर पर ज्यादा फोकस करना पसंद करते हैं और पर्सनल लाइफ पर फोकस नहीं कर पाते हैं। ऐसे में किसी तरह की जिम्मेदारी उठाना भी मुश्किल है। ऐसे में युवा लोग वीकेंड मैरिज का सहारा लेते हैं, जिसमें शादी तो होती है लेकिन कपल मिलते हफ्ते में सिर्फ 2 दिन ही हैं। वीकेंड के दो दिन दोनों साथ रहते हैं और बाकी समय अपने मुताबिक जिंदगी जीते हैं। न किसी तरह की जिम्मेदारी होती है और न ही किसी का इंटरफेयर।

फायदे और नुकसान

वीकेंड मैरिज में कपल में से किसी को भी अपना करियर दांव पर नहीं लगाना पड़ता है क्योंकि भौतिक रूप से दोनों को किसी तरह की कोई जिम्मेदारी नहीं उठानी पड़ती है और दोनों हफ्ते के 5 दिन सिंगल लोगों की तरह जिंदगी जीते हैं।

हफ्ते में दो बार मिलने से प्यार भी बना रही है। दोनों क्लाविटी टाइम बिताते हैं और किसी तरह का कोई स्ट्रेस नहीं होता है। इसके अलावा पर्सनल स्पेस मांगने की जरूरत नहीं होती है क्योंकि 5 दिन बिना रोक-टोक के आप जिंदगी जी सकते हैं।

हालांकि इसके कुछ नुकसान भी है। पहला कि अगर आप बच्चा चाहते हैं तो पूरी जिम्मेदारी मां पर आ जाती है। क्योंकि पिता तो 2 ही दिन मिलने के लिए आएगा। उनसे किसी तरह का सपोर्ट नहीं मिल पाता है। इसके अलावा अगर आप फाइनेंशियली स्ट्रांग नहीं है तो ये शादी आपके लिए घाटे का सौदा है। क्योंकि इस शादी में जिम्मेदारी जैसी कोई चीज नहीं है।

Exit mobile version