नई दिल्ली। मनुष्य तमाम रिश्तों और बंधनों से बंधा है। ये बंधन कहने को तो बंधन हैं लेकिन असल में ये प्यार के बंधन हैं। इन बंधनों से कोई तकलीफ नहीं होती बल्कि लोग अपनी स्वेच्छा से इन बंधनों में बंधना चाहते हैं। ये बंधन इंसान के रिश्ते को बेहद खूबसूरत बनाते हैं। इन रिश्तों से ही तो जिंदगी रंगीन होती है। मां-बाप, भाई-बहन, मामा-मौसी ये सारे रिश्ते तो रक्त के हैं, तो इनका करीब होना और इनसे प्यार होना तो बनता है। लेकिन इन रिश्तों से अलग एक और रिश्ता है जो हमारा रक्तसंबंध न होने के बावजूद रक्तसंबंधों से भी अधिक करीब हो जाता है। ये रिश्ता है दोस्ती का। दोस्त हमारे वो राज भी जानते हैं जो हम अपने माता-पिता या भाई-बहन से साझा नहीं कर सकते। दोस्ती जितना पुरानी होती जाती है उतनी ही गहरी होती जाती है। कई लोगों की दोस्ती तो बचपन से बुढ़ापे तक चलती है। तो आज इस रिश्ते को सेलिब्रेट करने का दिन है। यानी आज इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे है। ये दिन हर साल विश्व भर में 30 जुलाई के दिन मनाया जाता है। इस दिन को सेलिब्रेट करने का उद्देश्य दोस्ती के खूबसूरत रिश्ते का जश्न मनाना और नए-नए लोगों से मिलकर दोस्त बनाने के विचार को बढ़ावा देना है।
इस दिन को मनाने का प्रस्ताव पहली बार साल 1958 में एक अंतर्राष्ट्रीय नागरिक संगठन-वर्ल्ड फ्रेंडशिप क्रूसेड ने रखा था, जिसका उद्देश्य दोस्ती को बढ़ावा देकर शांति की संस्कृति को बढ़ावा देना था। साल 2011 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने औपचारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय मैत्री दिवस को अपनाया था। वहीं, भारत और बांग्लादेश समेत कई अन्य देश अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाते हैं। इस वर्ष भारत में फ्रेंडिशिप डे 7 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा। लोग इस दिन को यादगार बनाने के लिए खास तरह की तैयारियां करते हैं। वो अपने दोस्त को समर्पित इस दिन को स्पेशल बनाने के भरपूर प्रयास करते हैं।
इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस सबसे पहले साल 1958 में पैराग्वे में मनाया गया था। हालांकि, इसकी शुरुआत हॉलमार्क कार्ड्स के संस्थापक – जॉयस हॉल ने साल 1930 में ही कर दी थी। इसके बाद साल 1988 में, विनी द पूह को संयुक्त राष्ट्र ने फ्रेंडशिप का एंबेसडर बनाया और 2011 में आयोजित 65वें संयुक्त राष्ट्र सत्र में आधिकारिक तौर पर 30 जुलाई को इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे घोषित कर दिया गया।