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Why Does Heart Attack Increase In Winter : सर्दियों में क्यों बढ़ता है हार्ट अटैक? कैसे करें अपना बचाव, 3 डॉक्टरों ने बताए नुस्खे

Why does heart attack increase in winter : मैक्स हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डॉक्टर बलबीर सिंह ने हार्ट अटैक की बढती प्रवृत्तियों पर बताया कि सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले अचानक से बढ़ जाते हैं। ज्यादातर मई जून के महीनों में इस तरह के मामले कम देखने को मिलते हैं। लेकिन जैसे ही सर्दियों का मौसम आता है, हार्ट अटैक के मामलों में अचानक बढ़ोत्तरी हो जाती है। उन्होंने बताया कि मैंने अपने करियर में ऐसे बहुत कम मामले देखें हैं जहां 26 या 28 साल के एज ग्रुप में हार्ट अटैक हुए हों। लेकिन आजकल ये मामले बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे ये साबित होता है कि कोई भी एज ग्रुप हार्ट अटैक से इम्यून (प्रतिरोधी) नहीं है।

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नई दिल्ली। मौसम के बदलाव के साथ ही हमारे शरीर में भी कई बादलाव आने लगते हैं। ठंड के दिनों में जहां एक ओर फ्लू और सीजनल बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ता है वहीं जानकारों के अनुसार सर्दी के मौसम में दिल की बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। आंकड़े बताते हैं कि ठंड में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ते हैं। सर्दियों में ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर बढ़ने पर दिल की बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ता है। जिससे ठंड में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी आने लगती है। सर्दियों में आपको डाइट और लाइफस्टाइल का ख्याल जरूर रखना चाहिए, ताकि आप हार्ट अटैक से बच सकें। साथ ही जिन लोगों को हार्ट की बीमारियां हैं उन्हें ठंड में विशेष तौर पर अपना ख्याल रखना चाहिए। ह्रदय रोग को लेकर मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.अभिषेक सचदेवा ने और डॉक्टर नीरज कुमार जिन्होंने ह्रदय रोग से बचाने वाली ‘राम किट’ बनाई है, इन्होंने तमाम बातें कहीं, तमाम सावधानियों को बरतने को लेकर भी उन्होंने निर्देश दिए..

ह्रदय रोग वालों को क्या सावधानियां जरूरी?

डॉ. सचदेवा कहते हैं कि अगर आपको पहले से कोई ह्रदय रोग की समस्या है और आपकी दवाइयाँ चल रही हैं, तो सर्दियों के मौसम में खासकर दवाइयों को नियमित रूप से लें, रूटीन चेकअप भी कराते रहें। क्यूंकि ठंड में अक्सर ब्लड प्रेशर और पल्स के फ़्लक्चुएश्न होते हैं, इसलिए जो आपकी दवाइयाँ चल रही हैं उन्हें एडजस्ट करने से आपकी स्थिति ठीक रहती है। ठंड में खाना पीना भी काफी बदल जाता है ऐसे में हम लोग ठंड से दूर रहते हैं, गर्म खाना ज्यादा खाते हैं.. तो उसी आधार पर आप अपनी शुगर की दवा मेजर मील के साथ खाने का प्रयास करें जिससे शुगर कंट्रोल में रहे.. इसके आलावा सर्दियों में हरी सब्जियों को खाएं, ऊपर से नमक सब्जी में न डालें, चाहे सलाद हो या रायता हो.. नमक ऊपर से डालने से परहेज करें।

व्यायाम करने वालों को डॉक्टर की सलाह..

डॉक्टर कहते हैं कि व्यायाम करते समय अचानक आप बॉडी नहीं बना सकते हैं, इस बात को ध्यान रखना जरूरी है, क्योंकि ना तो रोग अचानक बनता है ना ही बॉडी अचानक बनती है। धीरे धीरे ही शरीर को हार्ट के हिसाब से एडजस्ट करना जरूरी है। ज्यादा वजन अचानक डाल देने से हृदय पर भी जोर पड़ता है। यदि आप 40 साल की उम्र के पार हैं तो एक बार कार्डियोलोजी टेस्ट को डॉक्टर के पास कराने के बाद ही जिम करें..

क्या है राम किट ? हार्ट अटैक आने पर बचा सकेगी मरीज की जान

कानपुर के वरिष्ठ कार्डियोलोजिस्ट डॉक्टर नीरज कुमार ने एक ह्रदय रोग से बचाने की क्षमता रखने वाली एक बेहद सस्ती किट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जब किसी मरीज को हार्ट अटैक आता है तो उसके परिवारीजन उसको लेकर सीधे हॉस्पिटल भागते हैं। जहां हॉस्पिटल में डॉक्टर उसे कार्डीयोग्लोडिंग डोज से एक दवा देते हैं। हमने विचार किया कि यदि ठीक उसी समय उस मरीज को वो दवा दे दी जाए तो ऐसे रास्ते में या अचानक हार्ट अटैक आने से जान गंवाने वाले कितने ही मरीजों को बचाया जा सकता है। ये ही सोचकर हमने किट को तैयार किया है, इसमें तीन मुख्य दवाओं को हमने शामिल किया है, एक तो खून को पैदा करने के लिए और दूसरी जमे हुए कॉलेस्ट्रोल को रोकने के लिए और इसमें तीसरी दवा है जो हार्ट अटैक के दौरान सिकुड़ने वाली ह्रदय की नसों को फ़ैलाने का काम करती है। इस प्रकार ये किट बेहद कारगर साबित होने वाली है। ये तीनों दवाएं बहुत सस्ती हैं। कुल मिलकर इन तीनों दवाओं की कीमत 7 रूपए के करीब है। इस प्रकार हमने राम किट बनाई है।

मैक्स हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डॉक्टर बलबीर सिंह ने बताई हार्ट अटैक की उम्र, और वजह…

मैक्स हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डॉक्टर बलबीर सिंह ने हार्ट अटैक की बढती प्रवृत्तियों पर बताया कि सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले अचानक से बढ़ जाते हैं। ज्यादातर मई जून के महीनों में इस तरह के मामले कम देखने को मिलते हैं। लेकिन जैसे ही सर्दियों का मौसम आता है, हार्ट अटैक के मामलों में अचानक बढ़ोत्तरी हो जाती है। उन्होंने बताया कि मैंने अपने करियर में ऐसे बहुत कम मामले देखें हैं जहां 26 या 28 साल के एज ग्रुप में हार्ट अटैक हुए हों। लेकिन आजकल ये मामले बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे ये साबित होता है कि कोई भी एज ग्रुप हार्ट अटैक से इम्यून (प्रतिरोधी) नहीं है। ये किसी भी उम्र के लोगों को हो रहा है। हाल ही में उन्होंने एक 26 वर्षीय महिला का इलाज किया जिसको हार्ट अटैक आया था, न तो वो स्मोक करती थी ना ड्रिंक, सिर्फ वो काफी समय से स्ट्रेस में थी, शायद इसलिए हार्ट अटैक आया, इसके अलावा उन्होंने एक IIT स्टूडेंट के इलाज के बारे में भी बताया जो सिर्फ 28 साल का था। इस तरह से अगर ये उम्र का मामला होता तो इन लोगों को ऐसी समस्या नहीं होती।

हार्ट अटैक क्यों होते हैं, इसपर क्या बोले डॉक्टर ?

डॉक्टर बलबीर सिंह ने बताया कि सर्दियों में खासकर हार्ट अटैक की समस्या ज्यादा होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सर्दियों में ह्रदय ठंडे तापमान के संपर्क में आने से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ सकती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है। यह दिल के दौरे को ट्रिगर कर सकता है, खासकर पहले से मौजूद हृदय रोग वाले व्यक्तियों में। इसके आलावा ठंड के मौसम में अक्सर शारीरिक परिश्रम बढ़ जाता है। ऐसे व्यक्तियों के लिए जो नियमित रूप से सक्रिय नहीं हैं या जिन्हें हृदय की मौजूदा बीमारियाँ हैं, शारीरिक गतिविधि में यह अचानक वृद्धि दिल के दौरे की वजह बन सकती है। सर्दियों में ब्लड प्रेशर अन्य मौसमों की तुलना में अधिक होता है, जिससे दिल के दौरे का खतरा बढ़ सकता है, खासकर उच्च ब्लड प्रेशर वाले व्यक्तियों में।

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