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Happy Friendship Day: अगस्त के पहले रविवार को ही क्यों मनाते हैं फ्रेडशिप डे? जानें इसके पीछे की सच्चाई

नई दिल्ली। दोस्ती मानव रिश्ते का सबसे सच्चा रूप है। दोस्त वो होते है जो हमारे सारे गम बांट लेते हैं, हमारी खुशी में हमारा साथ देते है। दोस्ती शर्तो पर नहीं होती यह प्यार के विचार पर आधारित है, व्यक्ति दोस्ती करते समय पंथ, रंग, रुप, उम्र, धर्म और जाति का ध्यान नहीं करता है। हमारे जीवन के विभिन्न चरणों में, हम गिरते समय हमें उठाने के लिए एक हाथ चाहिए होता है और वो हाथ हमारे दोस्त का होता है। दोस्त हमें रोने के लिए अपने कंधे देते हैं, वह हमारे लिए लड़ते हैं, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जीवन भर की मेमोरी बनाते हैं। दोस्त जीवन में महत्वपूर्ण होते हैं। दोपहर के भोजन के डिब्बे के साथ स्कूल में टिफिन ब्रेक से लेकर और आधी रात की बातचीत को शेयर करने तक – दोस्तों को हमारे दिल का रास्ता स्वाभाविक रूप से मिल जाता है। हर दिन एक फ्रेंडशिप डे होता है क्योंकि एक दोस्त कभी हमारा साथ नहीं छोड़ता है, लेकिन फ्रेंडशिप डे हर साल हमारे जीवन में आकर हमें हमेशा ये याद दिलाता है कि हमारे जिन्दगी ने हमें हीरा जैसा दोस्त दिया है। दोस्त हमारे सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक कैसे बनते हैं, आइए इतिहास और महत्व पर एक नजर डालते हैं कि कैसे फ्रेंडशिप डे आज भी मनाया जाने लगा।

कब मनाया जाता है फ्रेंडशिप डे

फ्रेंडशिप डे मतलब दोस्ती का दिन। भारत में फ्रेंडशिप डे अगस्त महीने के पहले रविवार को मनाया जाता है। इस बार फ्रेंडशिप डे 7 अगस्त को है। इसके अगस्त के पहले सन्डे को ही मनाए जाने के पीछे की कहानी भी प्रचलित है। कहते हैं कि अमेरिका में 1935 में अगस्त के पहले रविवार के दिन एक शख्स की हत्या कर दी गई थी, जिस व्यक्ति की हत्या की गई उसका एक खास दोस्त था, जब उसे इस मामले की जानकारी मिली तो हताश होकर उसने भी आत्महत्या कर ली थी।

फ्रेंडशिप डे का महत्व 

इस दिन लोग अपने जीवन में अपने दोस्तों के लिए शुभकामनाएं और खुशी की कामना करते हैं। वह एक दूसरे को इस दिन विश करते है। वे एक-दूसरे की झोली उपहारों और शुभकामनाओं से भर देते हैं। यह वह दिन भी है जब संयुक्त राष्ट्र लोगों से बाधाओं के पार समझ, दोस्ती और सहयोग का पालन करने का आग्रह करता है।

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