News Room Post

Women Health: महिलाएं गलती से भी न खाएं ये 7 चीजें, सेहत पर पड़ता है गलत असर

health news

नई दिल्ली। यूं तो खाने की चीजें अच्छी और बुरी दोनों ही होती है। कई चीजें ऐसी होती हैं जो कि खाने में तो बहुत स्वादिष्ट होती है पर सेहत के लिए लिहाज से सही नहीं मानी जाती है। यही कारण है कि डॉक्टर्स हमें कई तरह की चीजों को खाने से परहेज करने के लिए भी बोलते हैं। बात महिलाओं की करें तो महिलाओं की जिंदगी में कई चढ़ाव आते हैं जैसे की एक बच्ची से किशोरावस्था में आना, जिससे शरीर में कई बदलाव आते हैं। इसके बाद शादी और फिर बच्चे जिसके लिए शरीर में और भी कई बदलाव आते हैं। ऐसे में महिलाओं को अपने खाने का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। आज हम आपको बताएंगे ऐसी चीजों के बारे में जिसे महिलाओं को भूलकर भी नहीं खाना चाहिए…

डाइट सोडा (Diet Soda)

डाइट-सोडा में भले ही कैलोरी कम हो लेकिन उसमें केमिकल और प्रिजर्वेटिव्स काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जो कि सेहत के लिए बिल्कुल भी सही नहीं होते। एक स्टडी की मानें तो जो लोग नियमित रूप से डाइट सोडा पीते थे, उन लोगों में सोडा न पीने वालों की तुलना में 9 साल के समय में पेट की चर्बी 3 गुना ज्यादा पाई गई थी।

फलों का रस (Fruit juice)

वैसे तो फलों का रस हेल्दी होता है लेकिन इसमें चीनी मात्रा भी काफी होती है। हार्ट डिजीज के मामले महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलते हैं। हर 4 में से 1 महिला की दिल से जुड़ी बीमारियों की चलते ही मौत होती है। ऐसे में महिलाओं को फलों का जूस ज्यादा पीने से बचना चाहिए। अच्छा होगा की आप जूस की जगह साबुत फल खाएं।

कॉफी क्रीमर (Coffee creamer)

अक्सर मार्केट में आपने कॉफी के ऊपर सफेद रंग की क्रीम डाले हुए देखा होगा। जो कि कॉफी को और भी टेस्टी बनाती है लेकिन ये कॉफी क्रीमर ट्रांस फैट का सोर्स होता है। इसे बनाते समय हाइड्रोजन ऑयल मिलाए जाते हैं। इन संसाधित किए हुए पदार्थ में ट्रांस फैट की मात्रा दिन को नुकसान पहुंचाने का काम करती है। ऐसे में कभी भी कॉफी के ऊपर क्रीमर डालकर न पिएं।

शराब (Alcohol)

एक स्टडी की मानें तो जो महिलाएं हर दिन कम से कम 1 गिलास अल्कोहल का सेवन करती हैं उनमें शराब न पीने वाली महिलाओं की तुलना में बांझपन का खतरा 10 या 20 नहीं बल्कि 50 प्रतिशत तक अधिक होता है। ऐसे में अगर आपको भी शराब पीना अच्छा लगता है तो इसे तुरंत छोड़ दें।

रेड मीट (Red Meat)

जो महिलाएं रेड मीट का रोजाना सेवन करती है उनके प्रेग्नेंट होने की क्षमता पर इसका नेगेटिव असर पड़ता है। एक रिसर्च जिसमें जिन महिलाओं ने सबसे अधिक एनिमल प्रोटीन खाया था, उनमें 39 प्रतिशत अधिक फर्टिलिटी की समस्या पाई गई थी। यही कारण है कि महिलाओं को रेड मीट का सेवन कम से कम करना चाहिए।

बिना फैट वाला दही (Fat-free Yogurt)

दही खाना तो सभी को पसंद होता है लेकिन लेकिन महिलाओं को बिना फैट वाला दही नहीं खाना चाहिए। मार्केट की बिना फैट वाली दही में चीनी की मात्रा काफी अधिक होती है इससे ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन बढ़ जाता है। एक स्टडी के मुताबिक, जिन महिलाओं ने लो फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट का अधिक मात्रा में सेवन किया था, उनमें ओवुलेटरी इनफर्टिलिटी का खतरा 85 प्रतिशत अधिक पाया गया।

सफेद ब्रेड (White Bread)

व्हाइट ब्रेड रिफाइंड कार्ब है। हमारा शरीर रिफाइंड कार्ब को चीनी की तरह लेता है। इसमें फाइबर बिल्कुल भी नहीं होता है। ऐसे कार्ब्स ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ा देते हैं और इंसुलिन लेवल में भी बढ़ोतरी करते हैं। ये उन महिलाओं के लिए परेशानी पैदा कर सकता है जो कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या पीसीओएस की समस्या से जुड़ रही हैं।

Exit mobile version