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Cricket World CUP 2011: 24 साल बाद युवराज सिंह ने 24 मार्च को हीं ऑस्ट्रेलिया का विश्व कप फाइनल में पहुंचने का सपना तोड़ दिया था

Yuvraj Singh VS Australia 2011 World Cup.

नई दिल्ली। क्रिकेट विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया का हमेशा से दबदबा बरकरार रहा है। पूरी दुनिया की टीमें इस बात को मानती हैं। ऐसा ही होता भी रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज्यादा बार विश्व कप विजेता का खिताब अपने नाम किया है। लेकिन 2011 का वह साल भी अद्भुत था जब 1983 में कपिल देव की कप्तानी के बाद भारत ने एक बार फिर से विश्व कप पर अपनी बादशाहत जमाई थी। 28 साल के लंबे इंतजार के बाद टीम इंडिया के सामने यह बड़ा मौका मिला था। लेकिन इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए भारत ने जो सबसे बड़ा काम किया था वह किसी भी क्रिकेट प्रेमी के मन से कभी खत्म नहीं हो सकता है।

साल 2011 का 24 मार्च का दिन और अहमदाबाद के मैदान पर विश्व कप क्वाटर फाइनल मुकाबला भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जाना था। दोनों ही टीमें दमदार परफॉर्मेंस कर रही थी लेकिन भारत के सामने चुनौती बड़ी थी। एक तो भारत का होम ग्राउंड ऊपर से 24 साल से भारत के खिलाफ अजेय ऑस्ट्रेलिया की टीम और तारीख 24 मार्च की। दोनों ही टीमें जब मुकाबले के लिए मैदान पर उतरीं तो भारत के सामने ऑस्ट्रेलिया ने जीत के लिए 261 रनों का बड़ा लक्ष्य रख दिया। फिर भारत की टीम बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरी और टीम की पारी की शुरुआत विरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर ने की।


इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए दोनों बल्लेबाज अच्छी पारी खेल रहे थे और 44 रन जोड़ चुके थे। तभी सहवाग को पवेलियन लौटना पड़ा। फिर बारी आई गौतम गंभीर की उन्होंने तेंदुलकर के साथ मिलकर अपना-अपना अर्धशतक पूरा किया। लेकिन इस सब के बाद भारतीय टीम की पारी में विकेट लगातार गिरता जा रहा था। तब पारी को संभालने की जिम्मेदारी मिली युवराज सिंह और सुरेश रैना को भारत तब तक अपने 5 विकेट गंवा चुका था। लेकिन ये दोनों बल्लेबाज टीम इंडिया के लिए तारणहार बन गए। इन दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर टीम के लिए 74 रन जोड़े और भारत के लिए जीत का दरवाजा खोल दिया।

इस मैच में युवराज सिंह ने ताबड़तोड बल्लेबाजी की और 65 गेंदों पर 8 चौके की मदद से 57 रन बनाए। जबकि सुरेश रैना 28 गेंद में 34 रन बनाकर नाबाद रहे। भारत ने यह मुकाबला 14 गेंद शेष रहते ही अपने कब्जे में ले लिया और ऑस्ट्रेलिया को वनडे विश्व कप में भारत ने 24 साल बाद पटखनी दी थी। युवराज सिंह ने इस मैच में केवल अपनी बल्लेबाजी से ही कमाल नहीं किया था बल्कि कुल 10 ओवर गेंदबाजी करके 44 रन खर्च करके 2 विकेट भी हासिल किए थे। इस मुकाबले का प्लेयर ऑफ द मैच भी युवराज सिंह को चुना गया था।

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