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BCCI: भारतीय टीम में कोचिंग स्टाफ के बीच तनाव पर बीसीसीआई सख्त, मोर्ने मोर्कल और गंभीर के बीच क्या सबकुछ नहीं है ठीक?

BCCI: इस घटना के बाद बीसीसीआई टीम के कोचिंग स्टाफ के कामकाज की गहराई से जांच कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बोर्ड अब सीनियर खिलाड़ियों से यह पूछ रहा है कि कोचिंग स्टाफ ने टीम की सफलता में कितना योगदान दिया। बल्लेबाजी कोच अभिषेक नायर को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।

नई दिल्ली। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के प्रदर्शन और टीम प्रबंधन से जुड़ी हर घटना की समीक्षा जारी है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर और गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्केल के बीच तनातनी का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद बीसीसीआई ने पूरे कोचिंग स्टाफ के कामकाज की समीक्षा शुरू कर दी है।

गंभीर और मोर्केल के बीच हुआ विवाद

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान यह विवाद तब हुआ जब गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्केल एक निजी मीटिंग के कारण ट्रेनिंग सेशन में देरी से पहुंचे। इस पर हेड कोच गौतम गंभीर ने मोर्केल को मैदान पर ही कड़ी फटकार लगाई। एक सूत्र ने जानकारी दी, “गंभीर अनुशासन को लेकर बेहद सख्त हैं। उन्होंने मोर्केल को सार्वजनिक रूप से डांटा, जिससे मोर्केल पूरे दौरे के दौरान चुप और अलग-थलग दिखे। अब यह दोनों कोचों पर निर्भर करता है कि वे इस मामले को कैसे सुलझाते हैं।”

कोचिंग स्टाफ के प्रदर्शन पर सवाल

इस घटना के बाद बीसीसीआई टीम के कोचिंग स्टाफ के कामकाज की गहराई से जांच कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बोर्ड अब सीनियर खिलाड़ियों से यह पूछ रहा है कि कोचिंग स्टाफ ने टीम की सफलता में कितना योगदान दिया। बल्लेबाजी कोच अभिषेक नायर को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने विराट कोहली के बार-बार एक ही तरीके से आउट होने पर नायर की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। वहीं, सहायक कोच रेयान टेन डोशेट की अंतरराष्ट्रीय अनुभव की कमी को लेकर भी चिंताएं बढ़ रही हैं।

अनुबंध अवधि पर पुनर्विचार

सूत्रों के अनुसार, बीसीसीआई अब कोचिंग स्टाफ की अनुबंध अवधि को दो से तीन साल तक सीमित करने पर विचार कर रहा है। एक अधिकारी ने कहा, “बोर्ड को लगता है कि कोचिंग में लंबी अवधि से वफादारी और निष्पक्षता से जुड़े मुद्दे पैदा हो सकते हैं। हालांकि, थ्रोडाउन विशेषज्ञों ने अपनी भूमिका से टीम को काफी फायदा पहुंचाया है।”

अगले कदम की तैयारी

बीसीसीआई ने स्पष्ट किया है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और अगर जरूरी हुआ तो कोचिंग स्टाफ में बदलाव भी किया जा सकता है। बोर्ड का मानना है कि टीम के हर सदस्य को अनुशासन और पेशेवर माहौल बनाए रखना चाहिए, ताकि टीम में बेहतर तालमेल और प्रदर्शन हो सके।

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