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भारत-श्रीलंका सीरीज से पहले कई खिलाड़ी ले सकते हैं संन्‍यास! बोर्ड के साथ चल रहे हैं बेहद तनावपूर्ण हुए रिश्‍ते

नई दिल्ली। आईसीसी वर्ल्‍ड टेस्‍ट चैंपियनशिप फाइनल से पहले ही श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के कई खिलाड़ियों के संन्यास लेने की खबरों ने सनसनी फैला दी है। दररअसल आने दिनों ने भारत-श्रीलंका सीरीज (India vs Sri Lanka Series) खेली जानी है। लेकिन उससे पहले ही श्रीलंका क्रिकेट के कई क्रिकेटरों के संन्‍यास लेने की आशंका ने रफ्तार पकड़ ली है। बता दें कि इस सीरीज में तीन वनडे और तीन ही टी20 मैच खेले जाने हैं। वहीं संन्यास को लेकर जानकारी सामने आई है कि, श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड और श्रीलंकाई क्रिकेटरों के बीच नए कांट्रेक्‍ट प्रणाली को लेकर रिश्‍ते बेहद नाजुक हो गए हैं। यहां तक कि श्रीलंकाई खिलाड़ियो ने बोर्ड द्वारा प्रस्‍तावित नए कांट्रेक्‍ट सिस्‍टम पर साइन करने से पूरी तरीके से मना कर दिया है। बता दें कि टीम इंग्‍लैंड दौरे पर जाने के लिए तैयार तो हो गई है, लेकिन इससे भारत के खिलाफ घरेलू सीरीज पर संकट के बादल नजर आ रहे हैं। अगर मामला नहीं बना तो यह सीरीज भी रद्द होने की संभावना है। मालूम हो कि अभी भी कुछ दिन पहले श्रीलंकाई क्रिकेटरों ने अपने देश के बोर्ड को समय से पहले ही संन्‍यास (Retirement) लेने की धमकी दी थी।

बता दें कि धमकी देने के पीछे बोर्ड का नया अंक आधारित ग्रेडिंग सिस्‍टम है, जिसके जरिये क्रिकेटरों की सालाना कमाई का आकलन किया जाना तय किया गया है। इसको लेकर खिलाड़ियों में असंतुष्टि की भावना है। खिलाड़ियों ने इस सिस्टम को हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वो संन्यास ले लेंगे।

फिलहाल कौन से खिलाड़ी संन्यास ले सकते हैं, उनके नाम उजागिर नहीं हुए हैं। श्रीलंकाई क्रिकेटरों की मांग है कि नए सिस्‍टम से उनकी कमाई पर सीधा असर पड़ेगा इसलिए इसे अधिक पारदर्शी बनाया जाए और उन्‍हें ये बताया जाए कि ग्रेड के आधार पर किस तरह उन्‍हें अंक दिए जाएंगे।

श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने जिस नए कांट्रेक्‍ट सिस्‍टम पर खिलाड़ियों को 3 जून तक का समय दिया था, उसमें खिलाडि़यों को चार अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया है। उनकी फिटनेस के स्‍तर, अनुशासन, लीडरशिप काबिलियत, टीम के प्रति उनके कुल योगदान व अंतरराष्‍ट्रीय और घरेलू क्रिकेट में उनके पिछले दो साल के प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाएंगे। खिलाड़ियों का विरोध इसी पर है कि बोर्ड बताए कि ये नंबर किस तरह आवंटित होंगे ताकि कि वो उन क्षेत्रों में सुधार कर सकें जहां उनकी कमियां हैं।

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