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Rishabh Pant Accident: ऋषभ पंत के साथ हुए हादसे में बड़ा खुलासा, बस ड्राइवर-कंडक्टर ने नहीं इन दो लड़कों ने बचाई जान

Rishabh Pant

नई दिल्ली। बीते दिनों टीम इंडिया के विकेटकीपर ऋषभ पंत दिल्ली से रुड़की जाते वक्त एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए थे। इस सड़क हादसे में वो बाल-बाल बच गए थे। इस वक्त देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है। इस एक्सीडेंट से जुड़ी अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा है कि जिस वक्त पंत के साथ ये खतरनाक हादसा हुआ,  उस वक्त मौके पर सबसे पहले हरियाणा रोडवेज की एक बस पहुंची थी। जिसके ड्राइवर और कंडक्टर ने पंत को अस्पताल पहुंचाया और उनकी जान बचाई जा सकी। लेकिन इसी बीच अब इस केस में नया खुलासा हुआ है। दरअसल, हादसे के तुरंत बाद जब क्रिकेटर पंत बुरी तरह घायल थे और दर्द से कराह रहे थे। उस समय सबसे पहले उनके पास वो बस ड्राइवर या कंडक्टर नहीं बल्कि, मुजफ्फरनगर के ही रहने वाले दो स्थानीय लड़के वहां पहुंचे थे। जिसकी मदद से पंत को अस्पताल पहुंचाया गया। इन दोनों लड़कों का नाम रजत और निशू है।

बता दें कि बीते दिन रजत और निशू देहरादून के मैक्स अस्पताल पहुंचे। जहां ऋषभ पंत का उपचार किया जा रहा है। दोनों युवकों ने हादसे के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने टीम इंडिया के खिलाड़ी पंत की सहायता की थी। रजत ने कहा कि जब हमने पंत को देखा, तब उस वक्त उनकी हालत काफी नाजुक थी, जिसके बाद हम दोनों क्रिकेटर की मदद की। रजत ने भी बताया कि हरियाणा रोड के बस ड्राइवर और कंडक्टर सुशील कुमार ने 108 डायल करके एंबुलेंस को बुलाया।

रजत ने बताया कि उस समय हम नहीं जानते थे कि ये शख्स कौन है। बता दें कि सोशल मीडिया पर ऋषभ पंत के कार एक्सीडेंट के कई वीडियो सामने आई आ चुके है। एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें दो लड़के पंत की मदद करते है और पंत को कंबल देते है। इतना ही नहीं दोनों लड़के पंत के सिर पर निकल रहे खून को रोकने के लिए कपड़ा भी बांधते है। वहीं इसी नेक काम की बदौलत रजत और निशू की सोशल मीडिया पर काफी तारीफ हो रही है।

ज्ञात हो कि ऋषभ पंत अपनी मां को सरप्राइज देने के लिए 30 दिसंबर को दिल्ली से अपने होमटाउन रुड़की जा रहे थे। इसी दौरान नारसन बॉर्डर पर उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। उनकी मर्सिडीज कार डिवाइडर से टकरा गई और थोड़ी देर बाद उनकी कार में आग लग गई। साथ ही क्रिकेटर ने कार का शीश तोड़कर अपनी जान बचाई।

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