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Harsha Bhogle: कमेंटेटर हर्षा भोगले का बजाज Allianz पर फूटा आक्रोश, लगाया परेशान करने का आरोप, सुनाई आप बीती

नई दिल्ली। चर्चित कमेंटेटर हर्षा भोगले अक्सर सुर्खियों में बने रहते है। बीते कुछ महीने पहले उन्होंने कॉमेंट्री की दुनिया में अपने 40 साल पूरे किए। सोशल मीडिया मंच X के जरिए हर्षा भोगले अपनी राय लोगों के साथ साझा करते रहते है। इसी क्रम में उन्होंने इंश्योरेंस कवर प्रोवाइड करने वाली कंपनी बजाज आलियांज पर जमकर अपनी भड़ास निकाली है।

प्रसिद्ध भारतीय कमेंटेटर हर्षा भोगले ने उनके परिवार को टेक्स्ट, मैसेज और यहां तक कि बॉट कॉल के जरिए परेशान करने के लिए बज़ाज आलियांज कंपनी की आलोचना की। भोगले भारतीय क्रिकेट में कमेंट्री करने वाले सबसे बेहतरीन नामों में से एक हैं। 61 वर्षीय पत्रकार क्रिकेट के खेल पर अपनी बेहतरीन कमेन्ट्री के लिए जाने जाते हैं। वह अपने विचार व्यक्त करने से कभी नहीं कतराते हैं लेकिन इस बार बजाज कंपनी के साथ अपने अनुभव को लेकर वो चर्चाओं में हैं।

भोगले ने एसएमएस, व्हाट्सएप संदेश, ईमेल और बॉट-संचालित कॉल के माध्यम से उन्हें और उनके परिवार को परेशान करने के लिए बजाज आलियांज पर ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी अन्य जीवन बीमा योजना का उपयोग करेंगे, लेकिन उनकी नहीं। भारतीय क्रिकेट कमेंटेटर ने लिखा, “मैंने @BajajAllianz को कई सीधे संदेश भेजे थे क्योंकि मैं चीजों को सार्वजनिक डोमेन में नहीं डालने की कोशिश करता हूं। लेकिन हमें लगातार परेशान किया गया; एसएमएस-ईएस, व्हाट्सएप संदेशों, ईमेल और विशेष रूप से बॉट संचालित कॉल के माध्यम से।”


उन्होंने आगे कहा, “मैंने यथासंभव विनम्रता से पूछा कि क्या यह मैसेज और कॉल की रुक सकती है। मुझसे वादा किया गया था कि ऐसा ही होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैंने अपने बीमा एजेंट से कॉल पर बात करके कहा कि मैं चाहे जो भी सेवा इस्तेमाल कर लूंगा लेकिन अब कभी बजाज बीमा को इस्तेमाल नहीं करूंगा। मैं चाहता था कि मुझे इसे सार्वजनिक डोमेन में न डालना पड़े, लेकिन कई मेरी अपील मेरे डायरेक्ट मैसेज उन्हें समझाने में विफल रहे हैं। मैं आपके अच्छे होने की कामना करता हूं लेकिन मैं आपके साथ फिर कभी कोई संबंध नहीं रखूंगा।”

गौर करने वाली बात ये है कि भोगले ने इस साल की शुरुआत में क्रिकेट कमेंट्री में 40 साल पूरे किए और अपने पहले मैच को याद करते हुए उन्होंने, कहा, “आज से 40 साल पहले। मेरा पहला वनडे। आज भी याद है कि वह युवा मौके पाने के लिए बेतहाशा कोशिश कर रहा था। और डीडी-हैदराबाद का एक दयालु निर्माता उसे यह ब्रेक दे रहा है। मैं बीती शाम एक साधारण टी-शर्ट में एक रोलर पर बैठा था, पर्दा उठाने का काम कर रहा था। और अगले दिन दो कमेंट्री का मौका मिला। अगले 14 महीनों में, मुझे दो वनडे और एक टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला। आभार।”

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