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FIFA 2022 : कतर के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए शख्स ने बीच मैदान में लहराया LGBTQ का झंडा, देखते रह गए लोग

दोहा। कतर में फीफा विश्व कप 2022 जोर-शोर से चल रहा है। नियम, कायदे, कानून और विवादों के बीच फीफा वर्ल्ड कप 2022 में सोमवार को पुर्तगाल-उरुग्वे का मैच खेला गया। मैच में पुर्तगाल ने 2-0 से जीत दर्ज की, लेकिन मैच के दौरान एक प्रदर्शनकारी रंग बिरंगा ध्वज लिये और नीली सुपरमैन टीशर्ट पहने मैदान में उतर गया, जिसके आगे लिखा था, ‘ सेव यूक्रेन’ और पीछे लिखा था, ‘ रिस्पेक्ट फोर ईरानियन वुमन’ सुरक्षा अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया और बाहर ले गए। इससे पहले उसने झंडा जमीन पर रख दिया था। रेफरी ने बाद में झंडा उठाकर साइड में रखा जहां से कर्मचारी उसे उठाकर ले गए। शख्स ने जो झंडा यहां लहराया वह LGBT कम्युनिटी के समर्थन में था, जिसको लेकर कतर में कड़े नियम, कानून बनाए गए हैं।

आपको बता दें कि फीफा के मीडिया अधिकारी थियरी डि बेकर ने कहा कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है कि बाद में उन प्रदर्शनकारी के साथ क्या किया गया। वहीं स्थानीय आयोजकों ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की। बता दें कि टूर्नामेंट के पहले सप्ताह में सात यूरोपीय टीमों को रंग बिरंगा ‘वन लव’ आर्मबैंड पहनने की अनुमति नहीं दी गई। कुछ प्रशंसकों ने शिकायत की कि उन्हें एलजीबीटीक्यू अधिकारों की परिचायक रंग बिरंगी चीजें मैदान में ले जाने की अनुमति नहीं मिल रही है।

गौर करने वाली बात यह भी है किस फीफा विश्व कप में एलजीबीटीक्यू और समलैंगिकता से जुड़े कई मुद्दे चर्चाओं में रहे हैं। इसके साथ ही कतर के कड़े कानूनों को लेकर भी कई टीमों ने विरोध किया है। इसपर कतर ने कहा है कि विश्व कप में समलैंगिकों समेत सभी का स्वागत है लेकिन आगंतुकों को मेजबान देश की तहजीब का सम्मान करना होगा।‘ऐसा लगा वो रोनाल्डो के साथ फोटो लेने आया है’ उरुग्वे के खिलाफ दो गोल करने वाले पुर्तगाल के मिडफील्डर ब्रूनो फर्नांडिस ने कहा कि उनका मैच पर इतना फोकस था कि वह समझ नहीं सके कि प्रदर्शनकारी क्या संदेश देना चाहता है। उन्होंने कहा कि उन्हें लगा कि वह क्रिस्टियानो रोनाल्डो के साथ तस्वीर लेने आया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने नहीं देखा कि उसका क्या संदेश था, लेकिन हम इस बारे में कई बार बोल चुके हैं। हम मानवाधिकारों का सम्मान करते हैं लेकिन ये राजनीतिक मसले हैं और इनको लेकर हम कुछ नहीं बदल सकते।’ वही कई देशों का ऐसा मानना है कि कतर में फीफा विश्व कप का आयोजित कराया जाना ठीक फैसला नहीं था।

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