नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने ‘कैप्टन कूल’ ट्रेडमार्क को रजिस्टर कराने के लिए आवेदन किया था जिसे स्वीकार कर लिया गया है। धोनी को क्रिकेट जगत में कैप्टन कूल के नाम से जाना जाता है यही कारण है कि उन्होंने पर्सनल ब्रांडिंग के चलते इसे अपने ट्रेडमार्क के तौर पर रजिस्टर करने का मन बनाया। धोनी की वकील मानसी अग्रवाल ने इस संबंध में जानकारी दी। एक बार धोनी को कैप्टन कूल नाम का रजिस्ट्रेशन मिल जाता है तो इसका मतलब यह है कि भविष्य में किसी और के लिए कैप्टन कूल शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
इससे पहले जब एमएस धोनी के कैप्टन कूल ट्रेडमार्क के लिए आवेदन किया था तब ट्रेडमार्क एक्ट की धारा 11(1) के तहत आपत्ति दर्ज कराई गई थी। इसके पीछे कारण बताया गया था कि पहले ही एक ट्रेडमार्क रजिस्टर्ड है और ऐसे में अगर नए ट्रेडमार्क को रजिस्टर किया गया तो भ्रम की स्थिति हो सकती है। इस पर धोनी की वकील की ओर से दलील पेश करते हुए बताया गया कि धोनी के नाम के साथ पिछले कई सालों से कैप्टन कूल जुड़ा हुआ है। क्रिकेट जगत के लोगों से लेकर मीडिया तक और धोनी के प्रशंसक भी उनको कैप्टन कूल के नाम से जानते हैं।
अक्सर क्रिकेट कमेंटेटर मैच के दौरान कमेंट्री में धोनी का जिक्र कैप्टन कूल के जरिए करते हैं वहीं मीडिया भी धोनी के नाम जगह कई बार कैप्टन कूल छाप चुकी है। ऐसे में हर किसी को स्पष्ट है कि कैप्टन कूल का मतलब सिर्फ धोनी से है। आज कैप्टन कूल कोई एक आम शब्द नहीं रह गया बल्कि यह धोनी की पर्सनैलिटी, उनकी पर्सनल ब्रांडिंग का भी हिस्सा है। आपको बता दें कि मैदान पर विपरीत परिस्थितियों में भी धोनी हमेशा शांत रहते थे और बड़ी आसानी से कई बार ऐसे मैचों को जिताया जो लगभग भारत हार चुका था। इसी के चलते उनको कैप्टन कूल उपनाम दिया गया।