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Harbhajan’s Controversy: जब क्रिकेट के मैदान में खो बैठे थे हरभजन आपा, एक खिलाड़ी को तो जड़ दिया था थप्पड़, जानें उनसे जुड़े विवाद

हरभजन सिंह

नई दिल्ली। अपने 23 साल के क्रिकेट के सफर को विराम देने के बाद हरभजन सिंह का अगला कदम क्या रहता है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन जिस तरह से उन्होंने अपने दो दशक से भी ज्यादा क्रिकेट के सफर को विराम दे दिया है, उसके बाद अब एक बार फिर से उन्हें लेकर विभिन्न प्रकार की चर्चाएं की जा रही हैं। उनके द्वारा खेले के पारियों के बारे में जिक्र किया जा रहा है। क्रिकेट में अब तक के उनके सफर को लेकर चर्चा-परिचर्चा शुरू हो चुकी है। इसी कड़ी में हम आपको अपनी इस खास रिपोर्ट में उनसे जुड़े कुछ ऐसे विवादों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं, जिसे लेकर खूब विवाद देखने को मिला था।

पोंटिंग से जुड़ा उनका पुराना विवाद

पोंटिंग से जुड़े उनके पुराने विवाद के बारे में जानने से पहले आपको हमारे साथ साल 1998 में चलना होगा, जब 17 वर्षीय हरभजन सिंह पहली मर्तबा वनडे मैच खेलने जा रहे थे। हुआ यूं था कि आईपीएल मैच के दौरान हरभजन ने रिकी पोंटिंग को स्टंप आउट कर दिया था।

आउट होने के बाद दोनों ही खिलाड़ियों के बीच किसी मसले को लेकर बहस छिड़ गई। जिसका नतीजा यह हुआ कि हरभजन पर फाइन भी लगाया गया और वनडे में बैन भी झेलना पड़ा।

जब एनसीए से निकाले गए

बात उस वक्त की है, जब हरभजन सिंह क्रिकेट की दुनिया का ककहरा सीखने के लिए नेशनल क्रिकेट अकादमी बेंगलुरु पहुंचे थें। यहां उन्हें सीनियर स्पिनर प्रसन्ना और श्रीनिवास वेंकटराघवन से क्रिकेट गूढ़ बातों को सीखना था।

लेकिन अपने गरम मिजाज के लिए जाने जाने वाले हरभजन सिंह एकडेमी को अपनी गतिविधियों के अनरुप चलाना चाहते थे। जिससे खफा हुए उनके सीनियर्स ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।

जब पुलिस वालों से भिड़ गए थे भज्जी

न महज खिलाड़ियों बल्कि पुलिसवालों से भी भज्जी भिड़ने से गुरेज नहीं करते हैं। मामला 2002 का है। जब भज्जी पंजाब पुलिसकर्मियों से भिड़ गए थे। बताया जाता है कि पहले तो दोनों के बीच पूरा माजरा जुबानी जंग तक ही सीमित था, लेकिन इसके बाद दोनों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई। इस पूरे विवाद के माजरे की संजीदगी का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि इसमें भज्जी अपनी बांह को भी चोटिल कर गए थे।

उस वक्त यह पूरा मामला काफी विवादों में रहा था। आखिर होता भी क्यों न, क्योंकि हरभजन शायद भारतीय क्रिकेट टीम के ऐसे पहले खिलाड़ी रहे थे, जिन्होंने पुलिसकर्मियों से भी भिड़ने में कोई गुरेज नहीं किया था। आमतौर पर भज्जी अपने सहयोगियों के बीच में अपने तुकमिजाज के लिए जाने जाते हैं, जो न महज छोटी-छोटी बातों से नाराज हो जाते हैं, बल्कि गुस्सा भी हो जाते हैं।

जब गांगुली के लिए चैपल से भिड़ गए थें भज्जी

याद कीजिए, 2005 के उस समय को, जब सौरव गांगुली और तत्कालीन भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान ग्रेग चैपल के बीच विवाद चल रहा था। इस विवाद ने उस वक्त खूब सुर्खियां बटोरी थी। इस पूरे ही मसले को लेकर दो गुटों में बंटते हुए लोग दिखे थे। एक ऐसा गुट जो गांगुली के सपोर्ट में आ गया था और कुछ चैपल के पक्ष में आ गए थे, लेकिन भज्जी गांगुली का पक्ष लेते हुए चैपल से भिड़ गए थे।

इसके लिए उन्होंने सार्वजनिक तौर पर चैपल की जमकर आलोचना की थी। उन्होंने चैपल के कड़े गतिविधियों को लेकर उनकी आलोचना की थी। जिसको लेकर उन्हें पंजाब क्रिकेट एसोशिएसन और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की तरफ की तरफ से नोटिस का सामना करना पड़ा था।

शराब वाला विज्ञापन

साल 2006 की बात है, जब हरभजन बिना पगड़ी के खुले बालों के साथ ब्रांड रॉयल स्टैंग का प्रचार करते हुए नजर आए थे। जिसे लेकर देश दुनिया में उनकी खूब आलोचना हुई थी। लोगों ने उनके कृत्य को सिख धर्म की भावनाओं का अपमान बताया था और सिख संगठनों ने उनसे माफी की मांग की थी।

श्रीसंत को जड़ा थप्पड़

बात उस वक्त की जब उन्होंने मोहाली में मैच के दौरान अपने साथी खिलाड़ी श्रीसंत को थप्पड़ जड़ दिया था। इस पूरे मामले ने उस वक्त खूब बवाल काटा था। मोहाली में खेले गए इस मैच में श्रीसंत किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेल रहे थे।

दूसरी ओर भज्जी मुंबई इंडियंस की कप्तानी संभाल रहे थे। श्रीसंत को रोते हुए मैदान से बाहर आते देखा गया। इस पर भज्जी को आईपीएल से निलंबित भी कर दिया गया और 5 वनडे के लिए बैन किया गया।

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