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Paris Paralympics 2024 : पेरिस पैरालंपिक में भारत को मिला 5वां मेडल, रुबीना फ्रांसिस का ‘ब्रॉन्ज’ पर निशाना, बैडमिंटन में भी पदक पक्का

Paris Paralympics 2024 : रुबीना के इस ब्रॉन्ज मेडल की बदौलत भारत के पास अब तक 5 मेडल आ चुके हैं जिनमें एक गोल्ड, एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज शामिल हैं। वहीं बैडमिंटन के पुरुष एकल एसएल-4 वर्ग में भारत के सुकांत कदम ने थाईलैंड के टीमारोम सिरीपोंग को 21-12, 21-12 से हराकर ग्रुप-बी में शीर्ष स्थान हासिल किया और वह हमवतन सुहास यतिराज के साथ सेमीफाइनल में जगह बनाने में कामयाब रहे।

नई दिल्ली। पेरिस में खेली जा रही पैरालंपिक प्रतिस्पर्धा में आज का दिन भारत के अच्छा रहा। भारत की निशानेबाज रुबीना फ्रांसिस की बदौलत देश के नाम आज 5वां मेडल आया है। रुबीना ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएस-1) में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफलता पाई। इससे पहले पैरालंपिक के दूसरे दिन भारत के हिस्से एक गोल्ड चार मेडल आए थे। आज के इस ब्रॉन्ज मेडल की बदौलत भारत के पास अब तक 5 मेडल आ चुके हैं जिनमें एक गोल्ड, एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज शामिल हैं। आपको बता दें कि एसएच-1 श्रेणी में उन निशानेबाजों को शामिल किया जाता है जिनके हाथ, बांहों, निचले धड़ या पैरों में विकार होता है।

इस उपलब्धि के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और सचिन तेंदुलकर ने रुबीना को बधाई दी है। पैरों से 40 फीसदी दिव्यांग रुबीना फ्रांसिस मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली हैं। रुबीना इससे पहले भी कई बार देश के लिए मेडल जीत चुकी हैं। वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स वर्ल्ड कप-2023 में रुबीना ने महिलाओं के 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में सिल्वर मेडल जीता था। उससे पहले 2017 में बैंकॉक में आयोजित वर्ल्ड शूटिंग चैम्पियनशिप में रुबीना ने 10 मीटर एयर पिस्टल महिला टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर जूनियर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। रुबीना के पिता पेशे से मैकेनिक हैं और मां अस्पताल में नर्स का काम करती हैं।

वहीं, बैडमिंटन में भारत का एक पदक पक्का हो गया है। बैडमिंटन के पुरुष एकल एसएल-4 वर्ग में भारत के सुकांत कदम ने थाईलैंड के टीमारोम सिरीपोंग को 21-12, 21-12 से हराकर ग्रुप-बी में शीर्ष स्थान हासिल किया और वह हमवतन सुहास यतिराज के साथ सेमीफाइनल में जगह बनाने में कामयाब रहे। सुकांत ने पिछले साल चीन में हुए एशियाई पैरा खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया था। एसएल-4 श्रेणी में उन एथलीट को शामिल किया जाता हैं जिनके निचले अंग में समस्या के चलते उन्हें चलने या दौड़ने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

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